विकास की आस में नगरा ले रहा अंतिम सांस
-जनपद में कितने हैं परीक्षा केंद्र -कम स्टाफ वाले केंद्रों के लिए क्या है व्यवस्था -परीक्षा को लेकर क्यों ¨चता में हैं नकल माफिया -परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में क्या है चर्चा
जागरण संवाददाता, बलिया : नगरा (बलिया) : चिड़िया सोचती है चमन बदला है, सितारे सोचते हैं गगन बदला है, श्मशान की खामोशी कहती है, लाश वही सिर्फ कफन बदला है.. उक्त पक्तियां नगरा क्षेत्र की उपेक्षा पर सटीक बैठती है। कभी चिलकहर विधानसभा क्षेत्र (अब बिल्थरारोड) की हृदयस्थली रहा नगरा आज जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से बदहाली का शिकार है।
नए परिसीमन से पूर्व कमोवेश हर पार्टी के नेता यहीं से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत किया करते थे। हेलीकाप्टरों की गडगड़ाहट से यह क्षेत्र हमेशा सुर्खियों रहता था। बाजार के जनता इंटर कालेज में हर बडे़ नेताओ की चुनावी जनसभाएं होती थीं। नए परिसीमन के बाद जब चिलकहर विधानसभा का अस्तित्व समाप्त हो गया। नया विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया तो सबकुछ बदल गया। अब न तो उड़नखटोले की आवाज ही सुनाई देती है और न ही किसी बडे़ नेता का आगमन ही होता है। हर नेता अब बिल्थरारोड को ही अपना असली वजूद मान लिया है।
नए परिसीमन के बाद से ही इस क्षेत्र की उपेक्षा शुरु हो गई। 97 ग्राम पंचायतों वाले इस ब्लाक के 18 गांव रसडा़ विधानसभा क्षेत्र में व 79 गांव बिल्थरारोड विधानसभा क्षेत्र में चले गए। यह क्षेत्र दो विधायकों व दो सांसदों के कार्यक्षेत्र में आता है। दोनो सांसद व एक विधायक सत्ताधारी दल के हैं जबकि दूसरे विधायक बसपा के हैं। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा व अनदेखी से यहां की विकास योजनाओं पर भी ग्रहण लग गया है। जो कार्य वर्षो पूर्व हो गए थे वे भी शो पीस बने हुए हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि.यहां के नेता केवल चुनाव के समय ही क्षेत्र मे दिखाई देते हैं ।.चुनाव के बाद यदा कदा ही दर्शन हो पाता है। यदि कभी दर्शन हुआ भी तो आश्वासनों का घूंट पिलाकर रुखसत हो जाते हैं। शो पीस बनी पानी टंकी
करीब एक करोड़ की लागत से बनी नगरा की पानी टंकी उपेक्षा के चलते शो पीस बन गई है। एक दशक के अंतराल में कभी भी इससे जलापूर्ति हुई ही नही। अब.तो टंकी से पानी का रिसाव भी शुरु हो गया है।
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बदहाल सीएचसी, चिकित्सक नदारद
नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक नही हैं। भीमपुरा नंबर दो व इंद्रोली मलकौली का अस्पताल फार्मेसिस्ट के भरोसे चल रहे हैं। ऐसी ही तमाम योजनाएं हैं जो उपेक्षा से दम तो़ड़ रही हैं। क्षेत्र की उपेक्षा से आहत क्षेत्रवासी अब कहने लगे हैं -- तुम्हें गैरो से कब फुर्सत , हम अपने गम से कब खाली, चलो बस हो चुका मिलना न हम खाली न तुम खाली। बाजार की हालत नारकीय
बरसात शुरु होते ही बाजार की हालत नारकीय हो चुकी है। जल निकासी की व्यवस्था न होने से नाली ओवरफ्लो कर रहीं हैं। सड़क पर कीचडयुक्त जल फैल गया है। बाजार की सड़क जगह- जगह टूट चुकी है।
........वर्जन..........
विधायक धनंजय कन्नौजिया का कहना है कि नगरा क्षेत्र की उपेक्षा नहीं होगी। यहां की विकास योजनाओं पर पैनी नजर है। पानी टंकी व सीएचसी की दुर्व्यवस्था को दूर किया जाएगा।