अफसरों की कृपा से चांदी काट रहे खनन माफिया
क्षेत्र के माल्देपुर गंगा संगमतट व सरजु नदी के बांध किनारे खनन होने से बलिया शहर व कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मड़रा रहा। अधिकारियों की मिली भगत से ग्रामिणों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी खनन माफियों पर कोई कार्रवाई नही हो रही है। शासन द्वारा मिली छुट का दुरूपयोग कर खनन माफिया नदी किनारे आठ से 10 फुट तक खनन कर रहे है। इसकों लेकर क्षेत्र के कास्तकारों में रोष व्याप्त है। दरामपुर गांव निवासी रमेश राय ने कहा कि बलिया शहर को बाढ़ के कटान से बचाने के लिए 1964 में इंजिनियरों ने गांव के दक्षिण में बांध का निर्माण किया।
जासं सागरपाली (बलिया ): क्षेत्र के माल्देपुर गंगा संगम तट व सरयू नदी के बांध किनारे खनन होने से बलिया शहर व कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। अधिकारियों की मिली भगत के कारण खनन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नही हो पा रही है।
शासन की ओर से मिली छूट का दुरूपयोग कर खनन माफिया नदी किनारे आठ से 10 फुट तक खनन कर रहे हैं। इसको लेकर क्षेत्र के काश्तकारों में रोष व्याप्त है। दरामपुर गांव निवासी रमेश राय ने कहा कि बलिया शहर को बाढ़ के कटान से बचाने के लिए 1964 में इंजीनियरों ने गांव के दक्षिण में बांध का निर्माण कराया। यही कारण है कि शहर सहित कई गांव बाढ़ के खतरे से बचे हुए हैं।
आज खनन माफियाओं द्वारा बांध के किनारे गहराई में खनन करने से बांध कटने का खतरा मंडराने लगा है। वहीं माल्देपुर गंगा संगम किनारे खनन होने से बक्सर की तरफ से आने वाली गंगा की तेज धारा सीधे अब हैबतपुर गांव और शहर को अपने जद में ले रही है। हैबतपुर प्रधान प्रतिनिधि नरेन्द्र राय ने कहा कि कई बार शिकायत करने के बाद भी इन पर कार्रवाई नही हो रही है। अधिकारी थोड़े से फायदे के लिए आने वाले समय में जानमाल का भारी नुकसान करेंगे।
इनसेट
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नदी किनारे या बांध के किनारे खनन हो रहा है तो खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
- योगेन्द्र भदौरिया जिला खनन अधिकारी