पेड़ों पर इस बार नहीं दिखेंगे आम
आम इस साल आम लोगों के लिए नहीं बल्कि खास लोगों के लिए उपलब्ध होगा क्योंकि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आम के पेड़ों में 70 प्रतिशत मंजर कम आए थे। उन मंजरों में आम के छोटे-छोटे फल लगे थे लेकिन वह भी बेमौसम के बरसात व ओलावृष्टि से नष्ट हो गए। क्षेत्र के बगीचे मंजर विहीन दिख रहे हैं।
जासं, बैरिया (बलिया) : आम इस साल आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि खास लोगों के लिए उपलब्ध होगा, क्योंकि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आम के पेड़ों में 70 प्रतिशत मंजर कम आए थे। उन मंजरों में आम के छोटे-छोटे फल लगे थे, लेकिन वे भी बेमौसम की बरसात व ओलावृष्टि से नष्ट हो गए। क्षेत्र के बगीचे मंजरविहीन दिख रहे हैं। फल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि पिछले दो दशकों में इतने कम मंजर आम के पेड़ों पर कभी नहीं दिखे थे। ऐसा क्यों हुआ है, इस संदर्भ में लोग अपने-अपने तरीके से तर्क देने में लगे हुए हैं, लेकिन इस विषय में उद्यान विभाग के एक अवकाश प्राप्त अधिकारी रामकुमार का कहना है कि इसका एकमात्र कारण मौसम की बेरुखी है। आम के पेड़ों पर इस क्षेत्र में मंजर व टिकोरा कम दिख रहे हैं, लेकिन देश के अन्य क्षेत्रों में आम की अच्छी पैदावार होगी।