युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा सृजनात्मकता का अभाव
आज हम सांस्कृतिक संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं। भौतिकवाद अपनी चरम सीमा पर है। देश की तरूणाई को दिशाहीनता दुष्चिता भटकाव एवं सृजनात्मकता का अभाव घुन की तरह खोखला करता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : आज हम सांस्कृतिक संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं। भौतिकवाद अपनी चरम सीमा पर है। देश की तरूणाई को दिशाहीनता, दुष्चिता, भटकाव एवं सृजनात्मकता का अभाव घुन की तरह खोखला करता जा रहा है। उक्त बातें अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ प्रतिनिधि अनिल श्रीवास्तव ने गुरूवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही। कहा कि इन विभिषिकाओं के समाधान के लिए देश युवाओं को निहार रहा है। कहा कि आठ नवम्बर को योगेंद्र नाथ आईटीआई परिसर में युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए युवा संगोष्ठी व गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक आशीष कुमार द्वारा युवाओं को संदेश दिया जाएगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए देवेंद्र नाथ उपाध्याय, ललिता त्रिपाठी, पुष्पा मिश्रा, प्रेमलता राय, शिव कुमार उपाध्याय, निर्भय सिंह, प्रवीण श्रीवास्तव व हरिनारायण गुप्ता द्वारा व्यापक जनसम्पर्क किया जा रहा है।