भृगु की धरती पर कार्तिक महोत्सव का प्रयास क्रांतिकारी कदम
कार्तिक पूर्णिमा -22 नवंबर को संगम तट पर होने वाले कार्तिक महोत्सव के पोस्टर की हुई ला¨चग -मंत्री उपेंद्र तिवारी संग वरिष्ठ साहित्कारों व रंगकर्मियों के मौजूदगी में हुआ कार्यक्रम
जागरण संवाददाता, बलिया: कार्तिक महोत्सव के माध्यम से भृगु-दर्दर क्षेत्र का महात्म्य एवं ददरी मेले के महत्व पर प्रकाश डालने का प्रयास एक क्रांतिकारी कदम है। ददरी मेले के लिए स्थाई रूप से भूमि का प्रबंध किए जाने की आवश्यकता है। उक्त बातें शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेन्द्र तिवारी ने जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर 22 नवम्बर को गंगा तट पर होने वाले कार्तिक महोत्सव के पोस्टर लां¨चग के अवसर पर कही। कहा कि एक ऐतिहासिक पर्व है। इसे बेहतर बनने वाले साकेत ¨सह निश्चय ही बधाई के पात्र है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शिवकुमार ¨सह कौशिकेय ने बताया कि पौराणिक काल में गंगा नदी के जल संरक्षण एवं गंगा सरयू नदियों के संगम, भृगु संहिता ग्रंथ के लोकार्पण की स्मृति में लगने वाले ददरी मेले का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, व्यवसायिक महत्व है। कार्यक्रम के आयोजक भाजपा के राष्ट्रीय, प्रांतीय बैठकों के सह संयोजक साकेत ¨सह सोनू ने कहा कि यह सब जनता के प्रयास से हो रहा है। जनपद को पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा देने की दिशा में यह कदम है। संगोष्ठी को भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद शंकर दुबे, वरिष्ठ साहित्कार ध्रुवपति पाण्डेय ध्रुव, प्रो. केपी श्रीवास्तव, भोला प्रसाद आग्नेय, संजय ¨सह, आशीष त्रिवेदी, आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता गायत्री परिवार के बीएन चौबे व संचालन विजय बहादुर ¨सह ने किया ।