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मौसम के बदलाव से अस्पतालों में बढ़े मरीज, दवा नदारद

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): मौसम के बार-बार बदलते तेवर व बाढ़ के कारण क्षेत्र में रो

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 09:33 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 09:33 PM (IST)
मौसम के बदलाव से अस्पतालों में बढ़े मरीज, दवा नदारद
मौसम के बदलाव से अस्पतालों में बढ़े मरीज, दवा नदारद

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): मौसम के बार-बार बदलते तेवर व बाढ़ के कारण क्षेत्र में रोगियों की संख्या बढ़ गई है। सरकारी अस्पतालों में रोगियों की भारी भीड़ हो रही है ¨कतु डाक्टर से लेकर दवा तक का कहीं भी अच्छा इंतजाम नहीं है। इससे गरीब लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवां को छोड़ दिया जाए तो अन्य दर्जन भर अस्पतालों का हाल बेहाल है। नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठेकहां, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णछपरा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहुआरा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बलिहार, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय लालगंज, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय बैरिया, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय जमालपुर, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बैरिया की स्थिति दयनीय है। कहीं डाक्टर है तो दवाई नहीं, कहीं दवाई है तो डाक्टर नहीं। ऐसे में लोग इन अस्पतालों के औचित्य पर ही प्रश्न उठा रहे हैं। --सोनबरसा व कोटवा में है दवा का अभाव

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सोनबरसा व कोटवां अस्पताल में पर्याप्त संख्या में डाक्टर मौजूद हैं ¨कतु यहां दवा का घोर अभाव है। यहां दोनों अस्पतालों को मिलाकर रोजाना औसतन 1500 रोगी अपना इलाज कराने आते हैं। उस अनुपात में यहां शासन से दवा उपलब्ध नहीं कराई जाती, मजबूरन चिकित्सकों को बाहर की दवा लिखनी पड़ती है। यहां तक कि इन दोनों अस्पतालों में भी सांप व कुत्ता काटने के बाद लगने वाली सुई का अभाव है। क्षेत्रीय लोगों ने इन अस्पतालों के दु‌र्व्यवस्था के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को जिम्मेवार ठहराते हुए कहते हैं कि सीएमओ आम लोगों की बात तो दूर जनप्रतिनिधियों की बाते भी नहीं सुनते। लोग यहां तक कहते सुने जा रहे हैं कि राजनैतिक संरक्षण के चलते सीएमओ जनपद के लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं को नजर अंदाज कर रहे हैं। सच्चाई चाहे जो भी हो ¨कतु इतना तो स्पष्ट है कि सरकारी अस्पतालों की स्थिति पहले से भी ज्यादा खराब होती जा रही है।


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