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रिग बंधा तो नहीं बचा पाए, अब जरूरी इंतजाम में भी विफल प्रशासन

रिग बंधा तो नहीं बचा पाए अब जरूरी इंतजाम में भी विफल प्रशासन

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 07:18 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 07:18 PM (IST)
रिग बंधा तो नहीं बचा पाए, अब जरूरी इंतजाम में भी विफल प्रशासन
रिग बंधा तो नहीं बचा पाए, अब जरूरी इंतजाम में भी विफल प्रशासन

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : सोमवार को दुबेछपरा रिग बंधा के गंगा के कटान से बह जाने के बाद एक दर्जन गांवों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। हजारों एकड़ क्षेत्रफल में खड़ी लहलहाती मक्के की फसल गंगा की बाढ़ में डूब चुकी है। वहीं लगभग एक दर्जन गांवों की 50 हजार की आबादी बाढ़ के पानी से घिर चुकी है। दुबेछपरा, गोपालपुर व उदईछपरा की स्थिति तो अत्यंत ही गंभीर है। इन गांवों में लगभग पांच से छह फीट पानी हो चुका है। लोग अपने घरों के छतों पर शरण लिए हुए हैं। जिला प्रशासन रिग बंधा तो नहीं बचा पाया अब बाढ़ पीड़ितों के लिए जरूरी इंतजाम करने में भी वह पूरी तरह विफल ही दिख रहा है। नौकाओं की व्यवस्था नहीं किए जाने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एनडीआरएफ के जवानों ने अपने नौकाओं के साथ पूरी तन्मयता के लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने में लगे हुए हैं।

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नावों के अभाव में लोग अपने परिवार के साथ अपने घरों में घिरे हुए हैं। एसडीएम व तहसीलदार नौकाओं की व्यवस्था के लिए लगातार हाथ-मार रहे हैं लेकिन 2016 के बाढ़ में प्रशासन द्वारा लगाई गई नौकाओं का अभी तक किराया भुगतान नहीं होने के कारण नाविकों ने बाढ़ में अपनी नौकाओं की सेवा उपलब्ध कराने से यह कहते हुए मना कर दिए हैं कि पहले मजदूरी का भुगतान किया जाए, उसके बाद ही नौकाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इस बीच तहसीलदार श्रवण कुमार राठौर ने बताया कि बंधे पर शरण लिए बाढ़ व कटान पीड़ितों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास जारी है। सोमवार की शाम विधायक सुरेंद्र सिंह द्वारा बाढ़ पीड़तिों व कटान पीड़तिों को भोजन उपलब्ध कराया गया था। वहीं रात में तहसील प्रशासन द्वारा 500 पैकेट पूड़ी सब्जी कटान पीड़ितों में वितरित किया गया। कुल मिलाकर दुबेछपरा, गोपालपुर, उदई छपरा में हायतौबा मची हुई है। लोग खुले आसमान में बंधे पर शरण लिए हुए हैं। न तो उनके लिए रहने को कोई स्थाई शिविर अभी तक उपलब्ध कराया गया है, न ही कोई और अन्य व्यवस्था ही की गई है। नौकाओं की मांग को लेकर किया एनएच जाम

दुबेछपरा, गोपालपुर व उदई छपरा के बाढ़पीड़ितों व कटानपीड़ितों में राहत व बचाव के लिए पर्याप्त संख्या में नौका लगाने की मांग करते हुए एनएच 31 को कुछ देर के लिए जाम कर दिया था। जब एनएच 31 जाम था तो तहसीलदार व पुलिसवाले चुपचाप तमाशबीन की तरह खड़े थे। बाद में ग्राम प्रधान मनोज यादव द्वारा लोगों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया गया। जिसके बाद वाहनों का आवागमन शुरू हो सका। बाढ़ में डूबे लोग चिल्ला-चिल्ला कह रहे थे कि शासन व प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सब कुछ भगवान भरोसे है। आयुक्त व डीआइजी ने किया स्थलीय निरीक्षण

आजमगढ़ की आयुक्त कनक त्रिपाठी व पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज तिवारी मंगलवार को दिन में लगभग एक बजे कटान स्थल पर पहुंचकर दुबेछपरा में कटे हुए रिग बंधे का स्थलीय निरीक्षण किया। कटान पीड़ितों से उनकी व्यथा सुनी, और मातहतों को उचित दिशानिर्देश दिया। आयुक्त कनक त्रिपाठी ने कटान पीड़तिों को भरोसा दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार आप लोगों के साथ है। आप लोगों को हर जरूरी सुविधा तत्काल मुहैया कराई जाएगी। वहीं नुकसान के भरपाई का भी प्रयास किया जाएगा। रिग बंधा क्यों व कैसे कट गया, इसकी भी जांच कराई जाएगी। आयुक्त ने लोगों से संयम बनाए रखने को कहा। वहीं डीआईजी मनोज तिवारी ने भी पुलिस विभाग से कटान पीड़तिों का सहयोग करने को निर्देशित किया है। रिग बंधे के बाहर बसे गांव बने टापू

दुबेछपरा रिग बंधे के बाहर बसे केहरपुर, गांगपुर, सुघरछपरा गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से डूब चुके हैं। खरीफ की फसलें शत-प्रतिशत नष्ट हो चुकी है। एक दर्जन से अधिक आशियाने गंगा में समा चुके हैं, शेष लगभग एक दर्जन मकान लोग अपने से ही उजाड़ लिए हैं। ये गांव बाहर से देखने पर टीपू जैसे दिखाई दे रहे हैं। इन गांवों का पुरसा हाल नहीं है। कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी बाढ़ में डूबे इन गांवों के हजारों लोगों की सुधि नहीं ले रहे हैं। लोगों के समक्ष पेयजल, मिट्टी तेल, व खाद्यान्न की कमी होती जा रही है। जिला प्रशासन सब कुछ जानकर अनजान बना हुआ है। गंगा उस पार के गांव घिरे बाढ़ से, कटान हुआ तेज

गंगा उस पार नरंगा. चक्की नौरंगा, भुआल छपरा चारों तरफ से गंगा के बाढ़ के पानी से घिर चुका है। वहीं एक बार फिर कटान तेज होने से इन गांवों को खतरा उत्पन्न हो गया है। भुआल छपरा गांव में दक्षिण दिशा से गंगा का पानी गांव में घुस गया है। जिससे गांव के भीतर भी बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। उक्त गांवों के लोग बताते हैं कि कोई भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी झांकने तक नहीं गया। राहत व बचाव की बात तो अलग है। सभी मिलकर कटानपीड़ितों की करें मदद : सनातन पांडेय

उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी सपा नेता सनातन पांडेय ने इस दैवीय आपदा के समय सभी दलों के लोगों से आपस में मिलकर कटान व बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का आग्रह किया है। मंगलवार को कटान स्थल से लौटने के बाद दुबेछपरा में सपा कार्यकर्ताओं से बातचीत में कहा कि बिना किसी भेदभाव के कटान पीड़ितों की सेवा में लग जाएं। मुझसे जो भी संभव होगा कटान पीड़ितों के लिए करूंगा। इस मौके पर बेलहरी के ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि मृत्युंजय तिवारी बबलू व लालू यादव सहित सैकड़ों सपा कार्यकर्ता मौजूद थे।


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