पैदल व साइकिल से तय कर ली सैकड़ों किलोमीटर की दूरी
पैदल व साइकिल से तय कर ली सैकड़ों किमी की दूरी
जागरण संवाददाता, बलिया : किसी ने पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर ली तो कोई साइकिल पर सवार होकर बागी धरती पहुंचा। कोरोना के कहर से बचने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद गैर प्रांत या शहरों से लोगों के घर वापसी का क्रम लगातार जारी है। कोई पटना से जालौन जाने के लिए पैदल ही सफर पर निकल पड़ा है तो कोई दिल्ली से मुजफ्फरपुर (बिहार) पहुंचने की जद्दोजहद में है। वहीं इस विपदा की घड़ी में कई लोगों ने तो साइकिल से ही हजार किलोमीटर की दूरी को तय कर दी है।
शनिवार को जनपद के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचे इन लोगों के प्रति जिला प्रशासन पूरी संवेदना दिखा रहा है। ऐसे लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर ठहरने का भी इंतजाम किया गया है। जिला प्रशासन के अलावा कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं भी इसमें बढ़-चढ़कर हाथ बंटा रही हैं। ऐसे लोगों को जहां नाश्ता व भोजन कराने के साथ ही उनको गंतव्य तक भेजने का भी प्रबंध भी प्रशासन द्वारा किया गया है।
पटना में रहकर रोजी रोजगार करने वाले एक दर्जन लोगों का कारवां शनिवार को दिन में 11 बजे शहर में प्रवेश किया। छोटे-छोटे बच्चे, महिलाओं व पुरुषों का यह काफिला पिछले तीन दिनों से अनवरत चलते हुए यहां पहुंचा था। उनके पैरों में पड़े छाले व सूजन उनके सफर की दास्तां को बयां करने के लिए पर्याप्त था। भूख व प्यास से निढाल हो चुके इन लोगों को देख कर उनकी विवशता व परेशानी का स्वत: ही अनुमान लगाया जा सकता था। नगर के चित्तू पांडेय चौराहा पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उनसे बात कर न सिर्फ भोजन कराया बल्कि टीएसआइ ने एक प्राइवेट वाहन द्वारा इन सभी को पकड़ी थाना क्षेत्र के ग्रामसभा जोगेसरा भेजवाया। इसमें प्रियंका, अरविद चौहान, सुनील चौहान, अजय चौहान, अनिल चौहान, रानी चौहान, बुनिया देवी व देवेंद्र चौहान शामिल थे।
इसी दरम्यान कानपुर से बिहार के छपरा व सिवान जाने के लिए निकले करीब तीन दर्जन लोगों का एक समूह भी जिला मुख्यालय में दाखिल हुआ। पुलिस ने इनके साथ पूरी संवेदना दिखाई और इनको भी भोजन कराया। साथ ही गंतव्य की जानकारी हासिल कर इसकी सूचना सदर एसडीएम को दी। मौके पर पहुंचे एसडीएम अश्विनी श्रीवास्तव ने राज्य परिवहन निगम की बस से सबको छपरा के लिए रवाना कर दिया। इस समूह में संतोष सिंह, लल्लन दास, सूरज, पप्पू, धर्मवीर, शकीम आदि शामिल थे। वहीं बिहार के छपरा में रहकर परिवार का भरण पोषण चलाने वाले जालौन के भीटारी निवासी वीरु राठौर व धीरज सिंह को प्रशासन ने तत्काल नगर पालिका के रैन बसेरा में रुकवाया। साथ ही यात्रियों की संख्या बढ़ने की दशा में गंतव्य तक भेजने का आश्वासन भी दिया। दिल्ली से मुजफ्फरपुर पैदल जा रहे मजदूर
बैरिया : लॉकडाउन के चलते गैर प्रांतों में मजदूरी करने वालों के समक्ष संकट पैदा गया है। साधन के अभाव में इन लोगों को पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। दिल्ली से मुजफ्फरपुर जाने के लिए निकला आधा दर्जनों मजदूरों का एक काफिला शनिवार को बैरिया पहुंचा। इसमें शामिल आदित्य, अनिल, महेश, संजय व राजकुमार ने बताया कि वहां काम बंद हो चुका है। पैसे भी धीरे-धीरे खत्म हो रहे थे लिहाजा घर वापसी के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हाथ में झोला व पीठ पर बैग लिए पिछले चार दिन से पदयात्रा कर रहे लोगों ने बताया कि साधन बंद होने की वजह से कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था। हैरत की बात यह है कि जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर आगे निकल चुके इन मजदूरों पर स्थानीय प्रशासन की नजर तक नहीं पड़ी। थकावट से चूर इन मजदूरों को बैरिया के कुछ जागरूक लोगों ने जरूर सहयोग किया, लेकिन तात्कालिक परिस्थितियों में उसे पर्याप्त नहीं माना जा सकता। साइकिल से गांव पहुंचे दो युवक
पूर : लॉकडाउन के बाद गैर प्रांतों में रह रहे लोगों में जैसे-तैसे घर पहुंचने की आपाधापी मची है। कोई पैदल तो कोई साइकिल से अपने घर पहुंच रहा है। पकड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत पूर ग्राम सभा के बनकटा पुरवा के दो युवक मंजीत व मुरारी साइकिल से सैकड़ों किमी की यात्रा पूरी कर शनिवार को गांव पहुंचे। ये दोनों दिल्ली में रहकर काम करते थे। बताया कि लॉकडाउन की वजह से यही एकमात्र उपाय था। पिछले पांच दिनों से बिस्किट व पानी के सहारे इतना लंबा सफर कर गांव पहुंचने पर लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इसकी सूचना तत्काल चिकित्साधिकारी पंदह व प्रभारी निरीक्षक पकड़ी को दी गई। मौके पर पहुंचे डाक्टरों की टीम ने दो सप्ताह तक क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी।
जहां से निकले थे वहीं भेजे गए 30 मजदूर
रसड़ा (बलिया) : लॉकडाउन के चलते शनिवार को पैदल ही नरहीं थाना से अपने गांव लखीमपुर खीरी जनपद जा रहे मजदूरों को रसड़ा पुलिस प्रशासन ने गांधी पार्क में रोक लिया। पुलिस ने भोजन कराया और उन्हें नगरपालिका के वाहन से पुन: नरहीं भेज दिया। इस दौरान एसडीएम बीके जैन, प्रभारी निरीक्षक सौरभ कुमार राय, एसएसआइ सुरेंद्र नाथ सिंह ने पहल करते हुए नगरपालिका प्रशासन से वाहन की व्यवस्था कराई।