मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कैसे होगी परीक्षा
कभी शिक्षा व छात्र संख्या के मामले में अव्वल रहने वाला क्षेत्र का जनता इंटर कालेज प्रबंधकीय विवाद में उलझ कर अपने भाग्य पर आंसू बहा रहा है। एक तरफ जहां विद्यालय में शिक्षकों का अभाव है
जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया): कभी शिक्षा व छात्र संख्या के मामले में अव्वल रहने वाला क्षेत्र का जनता इंटर कालेज प्रबंधकीय विवाद में उलझ कर अपने भाग्य पर आंसू बहा रहा है। एक तरफ जहां विद्यालय में शिक्षकों का अभाव है तो दूसरी ओर कक्षा कक्ष जर्जरावस्था में पहुंच गये हैं। छह दशक पूर्व वर्ष 1958 में यह विद्यालय स्थापित किया गया था। 1971 में से इसे अनुदान मिलना शुरु हुआ। पढ़ाई के मामले में इस विद्यालय का कोई सानी नहीं था। ज्यों ज्यों समय बीतता गया विद्यालय के विकास पर ग्रहण लगता गया। प्रबंधकीय विवाद में विद्यालय का विकास पूरी तरह ठप हो गया है। आलम यह है कि जर्जर हो चुके कमरों में भयवश न तो कोई छात्र ही बैठना चाहता है न ही शिक्षक। बरसात के दिनों में वर्षा का पानी कमरों में ही गिरता था। बड़ी बात यह है कि उक्त विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र पर हाईस्कूल व इंटर के 1150 परीक्षार्थी बोर्ड की परीक्षा देगें।
इन परीक्षार्थियों को बैठाने की व्यवस्था को लेकर केंद्र व्यवस्थाक के चेहरे पर चिता की लकीरें खींच गई हैं। प्रधानाचार्य उमेशचंद पांडेय ने बताया कि प्रबंधकीय विवाद के चलते विद्यालय का अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। जर्जर हो चुके 15 कमरों की मरम्मत हेतु बजट उपलब्ध नहीं है। बजट के लिए काफी पहले से शासन से गुहार लगाई जा रही है लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है।