कोरोना काल में नगरा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
कोरोना काल में नगरा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : केंद्र व प्रदेश की सरकार जहां देशवासियों की सुरक्षा के लिए कोरोना से आर-पार की जंग लड़ रही है, वहीं विकास खंड नगरा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। डाक्टरों व दवा के अभाव में दूर दराज क्षेत्रों के मरीजों को इलाज के लिए 10 से 15 किमी की दूरी तय करनी पड़ रही है। क्षेत्र के आधा दर्जन ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरकारी इंतजाम की पोल खोल रहे हैं।
नगरा मुख्यालय स्थित पीएचसी व कसौंडर पीएचसी को छोड़ दिया जाए तो आधा दर्जन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आज भी चिकित्सक नहीं हैं। यहां की स्वास्थ्य सेवाएं फार्मासिस्टों के भरोसे है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मालीपुर, भीमपुरा नं. दो, खंदवां, इंद्रौली मलकौली व किशोरगंज के अस्पताल फार्मासिस्टों के सहारे चल रहे हैं। इन अस्पतालों में तो कुछ ऐसे भी हैं जहां पर तैनात फार्मासिस्ट व एएनएम अक्सर लापता रहते हैं। मालीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण पांच किलोमीटर दूर कैथी खतीमपुर ग्राम पंचायत में किया गया है, जहां पर मरीज जाना ही पसंद नहीं करते हैं।
इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की तैनाती को लेकर न तो जनप्रतिनिधि संवेदनशील हैं, न स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी ही ध्यान दे रहे हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सर्वेश कुमार गुप्त का कहना है कि चिकित्सकों की कमी के चलते ग्रामीण क्षेत्र के इन अस्पतालों पर डाक्टरों की तैनाती नहीं हो पा रही है।