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हजरत अली अकबर का निकाला गया ताबूत, माहौल गमनीन

जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : मोहर्रम के छठवें दिन रविवार की रात सैयद शमसुल हसन जैद

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 08:53 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 08:53 PM (IST)
हजरत अली अकबर का निकाला गया ताबूत, माहौल गमनीन
हजरत अली अकबर का निकाला गया ताबूत, माहौल गमनीन

जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : मोहर्रम के छठवें दिन रविवार की रात सैयद शमसुल हसन जैदी मरहूम के इमामबाड़े से हजरत इमाम हुसैन के 18 वर्षीय पुत्र की शहादत की याद में हजरत अली अकबर का ताबूत निकाला गया। ताबूत में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ताबूत को देखकर पूरा माहौल गमगीन हो गया। ताबूत से पहले मजलिस का आयोजन किया गया। मौलाना सैय्यद सबीह अब्बास ने कहा कि हजरत अली अकबर पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब की तस्वीर थे। इसलिए हजरत इमाम हुसैन ने कहा था कि जब मैं अपने नाना की जियारत करना चाहता था तो अपने पुत्र के चेहरे को देखता था परंतु कर्बला के मैदान में जालिमों ने इसका ख्याल नहीं किया और उन्हें शहीद कर दिया। हजरत अली अकबर की शहादत के मार्मिक चित्रण पर उपस्थित लोगों की आंखे भर आईं। इस मौके पर नौहा खानी पेश करते हुए जैकी जलालपुरी व सै.मुहम्मद जान ने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। इसके पश्चात सै.अख्तर हुसैन व सै.फखरूल हसन के इमामबाड़े पर भी मजलिस का आयोजन किया गया।

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