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सरयू नदी में कटान से बढ़ा खतरा, नदी में समाई उपजाऊ भूमि

सुरेमनपुर दियरांचल के गोपालनगर शिवाल मठिया मानगढ़ आदि गांवों के सामने सरयू नदी के जलस्तर में घटाव के साथ ही एक बार फिर तेजी से कटान आरंभ हो गया है। रोज ही उपजाऊ जमीन को सरयू नदी अपने आगोश में ले रही है। सरकारी की उपेक्षात्मक रवैए के कारण नदी के तेवर के आगे किसान बेबस व लाचार हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 06:40 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 06:40 PM (IST)
सरयू नदी में कटान से बढ़ा खतरा, नदी में समाई उपजाऊ भूमि
सरयू नदी में कटान से बढ़ा खतरा, नदी में समाई उपजाऊ भूमि

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): नदी तट पर एक बार फिर तेजी से कटान शुरू हो गया है। रोज उपजाऊ जमीन को सरयू नदी अपने में समा ले रही है। सरकार के उपेक्षात्मक रवैये के कारण नदी के तेवर के आगे किसान बेबस व लाचार हैं। रविवार को सुरेमनपुर दियरांचल के गोपालनगर, शिवाल मठिया, मानगढ़ आदि गांवों के सामने तटवर्ती इलाकों की भूमि सरयू नदी में विलीन हो गई।

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बकुल्हा से लेकर देवपुर मठिया तक करीब 15 किमी की लंबाई में पिछले दो-तीन वर्षों से सरयू नदी उपजाऊ खेतों को अपने आगोश में ले रही है। इस वर्ष जब नदी बढाव पर थी, कटान की गति धीमी हुई थी कितु जैसे ही सरयू नदी में जलस्तर घटने लगा, कटान में तेज आ गई। ग्रामीणों की मानें तो अब तक सैकड़ों एकड़ उपाऊ भूमि सरयू नदी में विलीन हो चुकी है। कटान रोकने के लिए ग्रामीणों द्वारा कई पत्र संबंधित विभाग के मंत्री सहित वरिष्ट अधिकारियों को भेजे गए। बावजूद इसके इस संदर्भ में कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुरेमनपुर दियरांचल के लोगों का कहना है कि अगर सरकार कटान रोकने के लिए जरूरी उपाय नहीं करती है तो 50 के दशक की भांति सरयू नदी पूरे दियरांचल को निगल कर रेलवे लाइन के करीब आ जाएगी।

सिचाई मंत्री के समक्ष रखा हूं समस्या : विधायक

बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का ध्यान इस तरफ अपेक्षित करने पर उन्होंने बताया कि यह समस्या मेरे संज्ञान में है। कटानरोधी प्रोजेक्ट के मजूरी के लिए सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह से मिलकर लिखित प्रतिवेदन दिया हूं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही जरूरी कार्रवाई होगी। आगामी विधान सभा सत्र में भी इस प्रकरण को उठाने का प्रयास करूंगा।

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बरसात के कारण कटानरोधी कार्य प्रभावित

जासं, मझौवां (बलिया): रूक-रूक कर रही बरसात व गंगा की जलस्तर में हो रही धीमी गति से वृद्धि के कारण गंगापुर के सोनार टोला, बनिया टोला में हो रहे कटानरोधी कार्य प्रभावित होने लगा है। वहीं विधायक सुरेंद्र सिंह के दौरे के बाद गंगा उस पार पचरूखिया से दुबेछपरा तक गंगा की धारा मोड़ने के लिए हो रहे डेजिग कार्य में तेजी आने लगी है। अभी तक तीन किमी तक होने वाला डेजिग कार्य दो किमी तक पूर्णता की ओर अग्रसर है। बैराज खंड वाराणसी के अधिशासी अभियंता जीएन शुक्ल का कहना है कि तीन किमी लंबाई 30 मीटर गहराई में धारा मोड़ने का डेजिग कार्य उम्मीद है कि 15 जुलाई तक पूर्ण हो जाएगा।

वहीं गंगा के तटवर्ती ग्रामीणों की कहना है कि डेजिग कार्य के पास बना मिट्टी का टीला अगर वहां से अन्यत्र नहीं हटाया गया तो धारा मोड़ने का कार्य प्रभावित तो होगा ही, बाढ़ आने के बाद टीला कटान के लिए खतरा भी बन सकता है। वहीं केहरपुर ग्राम पंचायत के सुघरछपरा के लोग कटानरोधी नहीं होने के कारण गांव के अस्ति्तत्व को लेकर चितित हो गए हैं। गंगापुर के लोगों का कहना है कि अगर यही कटानरोधी कार्य बाढ़ आने से पूर्व संपन्न हो गया होता तो आज हमारी सुरक्षा की चिता समाप्त हो जाती। गंगा धीमी गति से बढ़ाव पर

केंद्रीय जल आयोग वाराणसी के अनुसार गंगा का जलस्तर गायघाट बलिया में तीन घंटे में एक सेमी के हिसाब से बढ़ाव पर है। रविवार को गंगा 51.930 मीटर पर थी। गायघाट में चेतावनी बिदु 56.615 मीटर है जबकि खतरा बिदु 57.615 मीटर है।


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