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खतरा निशान पार कर गई घाघरा, गंगा में उतार-चढ़ाव

जिले में अभी भी बाढ़ की दुश्वारियां कम होती नहीं दिख रही है। गांव के गांव बाढ़ की विभिषिका झेलने को विवश हैं जगह-जगह बाढ़ राहत सामग्री वितरित हो रहे हैं। एनएच-31 पर बाढ़ पीड़ितों का मेला लगा हुआ है। सोमवार को घाघरा नदी का जल स्तर 5

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 04:39 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 04:39 PM (IST)
खतरा निशान पार कर गई घाघरा, गंगा में उतार-चढ़ाव
खतरा निशान पार कर गई घाघरा, गंगा में उतार-चढ़ाव

जागरण संवाददाता, बलिया : जिले में अभी भी बाढ़ की दुश्वारियां कम होती नहीं दिख रही है। गांव के गांव बाढ़ की विभिषिका झेलने को विवश हैं, जगह-जगह बाढ़ राहत सामग्री वितरित हो रहे हैं। एनएच-31 पर बाढ़ पीड़ितों का मेला लगा हुआ है। सोमवार को घाघरा नदी का जल स्तर 58.26 मीटर गेज खतरा निशान को पार कर गया। वहीं गंगा नदी का जलस्तर केंद्रीय जल आयोग गायघाट पर 59.900 मीटर गेज दर्ज किया गया। यहां गंगा खतरा बिदु से दो मीटर ऊपर बह रही है।

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यहां हाई लेवल खतरा बिदु 60. 250 मीटर है। शहर के निचले हिस्से सहित जिले बैरिया तहसील बाढ़ से ज्यादा प्रभावित है। दूबे छपरा में प्रशासन की ओर से भी विशेष तत्परता बरती जा रही है। वहां एनएच पर भी भयंकर दबाव बना हुआ है। इधर तरसोत के पानी से भी नगर में बाढ़ जैसे हालात हो चले हैं। नगर के एससी कालेज चौराहा के पास एनएच पर पानी चढ़ गया है। वहीं काजीपुरा में मुख्य सड़क पर पहले से भी ज्यादा पानी हो गया है। नगर के बीच से गुजरते कटहल नाला में भी बाढ़ का पानी लबालब भरा हुआ है। यदि नदियों के जल स्तर में अब वृद्धि हुई तो पूरा शहर भी बाढ़ के चपेट में आ सकता है।

-आधा दर्जन प्रभावित गांवों को नहीं मिल रही सहायता

जासं, बैरिया : क्षेत्र में गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का क्रम जारी है। द्वाबा के दर्जनों गांवों में लाखों की आबादी बाढ़ से त्रस्त है। गंगा सोनार टोला, रामगढ़, केहरपुर व उदई छपरा में जमकर तांडव मचा रही है। हर एक दिन किसी न किसी बाढ़ पीड़ित का आशियाना गंगा में समाहित होता चला जा रहा है। दुबेछपरा बंधे पर शरण लिए शरणार्थियों के बीच समाजसेवियों द्वारा हाथ बढ़ाने तो शुरू कर दिया गया है लेकिन पानी से घिरे गांव पांडेयपुर, जगदेवां रामपुर कोड़रहा, मुरली छपरा, दुबेछपरा, जग छपरा, बादिलपुर, बघौंच, मिश्र के हाता, चौबे छपरा आदि गांवों में न तो प्रशासन द्वारा और न जनप्रतिनिधियों द्वारा अब तक अपना हाथ बढ़ाया गया हैं। जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है। वहां के लोग आज भी सरकारी सुविधाओं का इंतजार कर रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना कि आज तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सोनार टोला, रामगढ़ व केहरपुर में तक नहीं पहुंच पाया है।

-विधायक ने किया तिरपाल व भोजन का वितरण

विधायक सुरंद्र सिंह ने शिवपुर कपूर दियर, जगदीशपुर, रामपुर कोड़रहा, पांडेयपुर आदि गांवों के बाढ़ पीड़ितों में सोमवार को 500 तिरपाल वितरित किया। वहीं बाढ़ पीड़ितों में पका-पकाया भोजन का पैकेट वितरित किया। बाढ़ राहत सामग्री वितरण के लिए भी बाढ़ पीड़ितों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। विधायक ने स्पष्ट किया है कि सुघर छपरा, केहरपुर, चौबेछपरा व सदर तहसील क्षेत्र के अन्य बाढ़ प्रभावित गांवों में शीघ्र ही राहत सामग्री का वितरण आरंभ कराया जाएगा। उन्होंने लोगों से धैर्य बनाए रखने के आग्रह किया।

-गोपालपुर गांव बढ़ा कटान का खतरा

गोपालपुर गांव पर भी अब गंगा के कटान का दबाव बढ़ने लगा है। जिससे वहां के लोगों की चिता काफी बढ़ गई है। फलस्वरूप यहां बचे शेष लोग अब सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं। वहां कटान का दबाव बढ़ने के कारण लोग अपने मवेशियों, सामान आदि समेटकर पलायन करने में लग गए हैं। वहां के लोगों का कहना है कि अब तक तो हम लोग किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे थे कितु कटान का दबाव बढ़ जाने के कारण अब सुरक्षित स्थानों पर जाने में ही भलाई है।

बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारियां नहीं हुई कम

जासं, मझौवां (बलिया) : गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बावजूद बाढ़ की त्रासदी आज भी झेलने को मजबूर हैं। बाढ़ से घिरे गांवों में आवश्यक वस्तुओं का अभाव है। भोजन, पेयजल, रहने-सोने की व्यवस्था, चिकित्सा, प्रकाश की समस्या बनी हुई है। वहीं हल्दी बाजार में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण दुकानदारों की दुकानदारी बंद हो गई है तथा लोगों को बाजार से सामान नहीं मिल पा रहा है। उदईछपरा के वृजकिशोर साहू, राजकिशोर, मुराती देवी, अशोक ठाकुर, सूरत, नंदन आदि का कहना है कि हमारे अगल-बगल के लोगों को राहत सामग्री वितरण होने के बावजूद हम लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल सका है। वहीं प्रधान मनोज यादव का कहना है कि पांच हजार पीड़ितों में राहत सामग्री वितरित होना है और सभी को इस प्रकार की सहायता दिया जाएगा। हल्दी के पूर्व प्रधान ब्रह्मदेव यादव का कहना है कि पीड़ितों को अभी तक कोई सहायता मिलना तो दूर, कई क्षेत्रों में नौका तक की भी व्यवस्था नहीं है। बघौंच के प्रधान संतोष सिंह बच्चा का कहना है कि हमारा गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है। कई संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी से कट गए हैं, लेकिन नौकाओं का अभाव बना हुआ है। कुछ ऐसी ही स्थिति बलिया-बैरिया मार्ग के दक्षिण बसे सभी गांवों की है। परवल व मक्का के फसलों के नष्ट होने के कारण सदर तहसील के किसानों की काफी क्षति हुई है। -छोटे वाहनों का परिचालन रोके जाने से बढ़ी परेशानी

जासं, बैरिया : एनएच 31 पर चिरइयां मोड़ के पास बैरिकेटिग कर पुलिस द्वारा बैरिया-बलिया मार्ग पर भारी वाहनों के साथ-साथ कार व तिपहिया वाहनों का यातायात प्रतिबंधित कर देने के कारण लोगों को भारी असुविधा उठानी पड़ रही है। बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता पीके सिंह की माने तो बलिया-बैरिया मार्ग (एनएच 31) पर बाढ़ का कोई खतरा नहीं है और वाहनों के आवाजाही से भी कोई नुकसान इस मार्ग को नहीं होगा। बावजूद इसके पुलिस विभाग द्वारा इस मार्ग को बैरिकेडिग कर प्रतिबंधित कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह का ध्यान अपेक्षित करते हुए इस मार्ग पर छोटे वाहनों के आवाजाही पर रोक लगाने की व्यवस्था को समाप्त करने का आग्रह किया है, जिससे स्कूली बच्चे व लोकल यात्रियों को असुविधा न हो।


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