गंगा मुक्ति अभियान को दी जाएगी नई दिशा
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जासं, बलिया: अगस्त क्रांति दिवस पर 9 अगस्त को आध्यात्मिक भूमि भृगु क्षेत्र से गंगा मुक्ति अभियान की बुनियाद को जमीनी एवं यथार्थ ताकत देने के लिए नई दिशा दी जाएगी। इस परिपेक्ष्य में देश के पर्यावरणविदों, जल विज्ञान से जुड़े गंगा प्रेमियों को पत्र लिखकर गोमुख से गंगा सागर तक पतित पावनी की प्रवाह पूर्ण उपस्थिति कायम रखने हेतु सुझाव मांगे जाएंगे। इसमें प्रयाग के संत, वाराणसी के मौसम वैज्ञानिक तथा देश के विभिन्न भागों में जाह्वनी की रक्षा हेतु संघर्षरत गंगा भक्त शिरकत करेंगे। उक्त जानकारी देते हुए गंगा मुक्ति अभियान राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नदी घोषित होने के बाद भी गंगा सुरक्षा की संवैधानिक व्यवस्था अभी सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। केंद्र सरकार को इस ओर गंभीर विमर्श करना चाहिए। कहा कि जलवायु परिवर्तन का गंगा सहित विश्व की अनेक नदियों पर पड़ने वाला प्रभाव चितित करने वाला है। इसके लिए सार्थक निर्णय की जरूरत है। गंगा को सिर्फ नारों से नहीं अक्षुण्य रखा जा सकता। सरकार की अविरलता बहाल करने के लिए जब कठोर और न्याय प्रिय निर्णय लेगी उसी दिन गंगा का ऐतिहासिक अतीत जिदा होना आरंभ होगा।