कूड़े के ढेर के बीच गंगा नहाने जाना मजबूरी
नगर पालिका की करतूत, अच्छी-खासी सड़क बनी कूड़ाघर -कूड़े में दिनभर लोटते हैं सूअर, बदबू से सांस लेना दुश्वार
जागरण संवाददाता, बलिया : कार्तिक मास में गंगा स्नान का एक अलग ही महत्व है। इस मास में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग गंगा स्नान को महवीर घाट होते ही हुए संगम तट तक जाते हैं। इसके लिए श्रद्धालुओं को कड़ी परीक्षा देनी पड़ रही है। गंगा स्नान के लिए जाने वाले मुख्य मार्ग को पार करना किसी नरक के रास्ते को पार करने से कम नहीं है। मुख्य मार्ग पर महावीर घाट से आगे बढ़ने पर गायत्री मंदिर के सामने से करीब एक किमी का रास्ता कूड़े में तब्दील है। सड़क के दोनों तरफ कूड़े का अंबार लगा हुआ है और उसमें दिनभर सूअर लोटते रहते हैं। मार्ग की यह दुर्दशा किसी और ने नहीं बल्कि खुद नगर पालिका ने किया है। नगर पालिका के कर्मचारी शहर भर से कूड़ा एकत्र कर इस मार्ग के दोनों तरफ बेतरतीब ढंग से उड़ेल दे रहे हैं, जिससे उठ रही दुर्गंध न केवल मार्ग से आने-जाने वाले लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है बल्कि आसपास के मोहल्ले में लोगों का रहना दुश्वार किए है। इसी रास्ते कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु गंगा स्नान करने भी लोग जाएंगे। उस दिन इस मार्ग के जनपद के अलावा आसपास के जिले व बिहार प्रांत के लोग भी स्नान करने के लिए आते हैं। जिलाधिकारी ने नगर पालिका के अधिकारियों को मार्ग पर साफ-सफाई के निर्देश दिए है। बावजूद इसके नगर पालिका अब भी सफाई तो दूर लगातार कूड़ा इसी मार्ग पर गिरा रहा है। कूड़े से हर समय उठ रहा धुआं कूड़े का निस्तारण करने के बजाय नगर पालिका कूड़े को जलाने का काम शुरू कर दिया है। कूड़े से उठ रहे जहरीले धुएं से लोगों का सांस लेना दुश्वार हो गया है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि कूड़े से उठ रहे धुएं से फसलों को तो नुकसान हो ही रहा है। साथ में लोगों में सांस की बीमारी भी तेजी से फैल रही हैं।