दुर्गा पूजा आयोजन को लेकर असमंजस, गाइडलाइन का इंतजार
जागरण संवाददाता बलिया कोरोना काल में इस बार दुर्गा पूजा को लेकर भी सभी पूजा समितियां असमं
जागरण संवाददाता, बलिया : कोरोना काल में इस बार दुर्गा पूजा को लेकर भी सभी पूजा समितियां असमंजस में हैं। इसलिए कि दशहरा पूजा अब मात्र एक माह रह गया है और अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं गया। दशहरे को लेकर नगर सहित ग्रामीण अंचलों में कई तरह की तैयारियां हो रही हैं। बहुत से स्थानों पर देवी प्रतिमा भी बनाने का काम चल रहा है। मूर्तिकार कई स्थानों पर अपने प्रतिवर्ष के इस कार्य में जुटे हैं, लेकिन सभी के मन में इस बात का डर है कि दशहरा मेले और पूजा के लिए भी कोई कठोर प्रतिबंध कोरोना को लेकर लगता है तो बहुत से कारोबारियों सहित पूजा समितियों की उम्मीदों पर भी पानी फिर जाएगा।
जनपद में होते हैं बड़े आयोजन
दशहरा में पूरे जनपद में बड़े आयोजन होते हैं। नगर में भी कई स्थानों पर देवी प्रतिमा स्थापित की जाती है। सड़कों के किनारे या पूजा स्थल के आसपास मेले भी लगते हैं। पूजा समितियां बड़े-बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करती हैं। दस दिनों तक सड़कों पर भी विशेष चहल-चहल रहती है। कहीं डंके की गड़गड़ाहट पर शाम को गदका का आयोजन होता है तो कहीं कुश्ती में पहलवान एक-दूसरे को पटकनी देते दिखते हैं। रात में कहीं देवी जागरण होता है तो कहीं युवा नाटक आयोजन कर लोगों का मनोरंजन करते है, लेकिन इस साल दशहरे का क्या स्वरूप होगा, इस पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है।
शासन के निर्णय पर सब निर्भर
दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन भी शासन की गाइडलाइन का इंताजार कर रहा है। कई अधिकारियों ने बातचीत में बताया कि अभी तक दशहरा को लेकर शासन से कोई गाइडलाइन नहीं आया। शासन से जैसा निर्देश होगा, उसी के अनुरुप दुर्गा पूजा के आयोजन की अनुमति दी जाएगी। इधर पूजा समिति के लोगों का कहना है कि गाइडलाइन में विलंब होने पर कई समितियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना भी पड़ सकता है। इसलिए कि कई स्थानों पर गायकों, जेरनेटर, देवी जागरण आदि के लिए बुकिग पहले से हो चुकी है। ऐसे में पूजा के समय कोई प्रतिबंध लगता हैं तो समितियों को अग्रिम बुकिग में दिए गए रकम वापस नहीं मिलेंगे।