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जिला अस्पताल में निश्शुल्क डायलिसिस यूनिट की शुरुआत

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By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 07:28 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 12:12 AM (IST)
जिला अस्पताल में निश्शुल्क डायलिसिस यूनिट की शुरुआत
जिला अस्पताल में निश्शुल्क डायलिसिस यूनिट की शुरुआत

जागरण संवाददाता, बलिया : लंबे इंतजार के बाद जिला अस्पताल की नई बिल्डिग में निश्शुल्क डायलिसिस यूनिट उत्तर प्रदेश सरकार एवं हेरिटेज हॉस्पिटल लिमिटेड, लंका वाराणसी के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) प्रोजेक्ट के अंतर्गत शनिवार से शुरू हुआ। इसका उद्घाटन सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने फीता काटकर किया।

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सांसद वीरेंद्र ने कहा कि इस सुविधा से रोगियों को काफी लाभ मिलेगा। हम सभी का प्रयास है कि जिला अस्पताल में मरीजों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जाए। मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि सरकार जनता के स्वास्थ्य के बारे में काफी चितित है। इसके तहत यह व्यवस्था चालू की गई है। अब मरीजों को डायलिसिस के लिए बाहर नहीं जाना होगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीके मिश्र ने बताया कि अब किडनी रोगियों को डायलिसिस के लिए दूरदराज नहीं जाना पड़ेगा। जिले में यह सुविधा हो जाने के बाद यहां पर सभी किडनी रोगियों की डायलिसिस निश्शुल्क होगी। डा. बीपी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. केडी प्रसाद, डॉ. जेपी चौधरी, डा. राजनाथ, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष चौधरी, डा. एके सिंह, डा. मिथिलेश सिंह आदि मौजूद थे। क्या है डायलिसिस, क्यों पड़ती है आवश्यकता

डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इसमें रोगी के खून को डायलाइजर द्वारा पंप किया जाता है। इसमें खून साफ करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं। इसे सप्ताह में दो-तीन बार कराना पड़ता है। इसमें मशीन से रक्त को शुद्ध किया जाता है। डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के वृक्क यानी गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है।

डायलिसिस यूनिट के सीईओ ब्रिगेडियर आर.बी. सिंह ने बताया कि डायलिसिस केंद्र में अत्याधुनिक तकनीकी से युक्त 10 डायलिसिस बेड हैं। इसमें से 1 डायलिसिस बेड सेरो पॉजीटिव मरीज के लिए अलग व्यवस्थित है। 4-4 घंटे की तीन शिफ्ट में होने वाली डायलिसिस के लिए कुशल एवं प्रशिक्षित डॉक्टर, डायलिसिस टेक्निशियन एवं स्टाफ नर्स मरीजों को सेवाएं देंगे। वातानुकूलित डायलिसिस केंद्र में मरीजों को संक्रमण मुक्त डायलिसिस देने हेतु पेक्स पाइपिग का प्रयोग किया गया है, जिससे होने वाले संक्रमण को रोका जा सके। डायलिसिस में प्रयोग होने वाले अति शुद्ध जल के लिए जर्मनी से आयातित आरओ प्लांट लगाया गया है। डायलिसिस के सभी कार्यों को ऑनलाइन उत्तर प्रदेश सरकार के एचडीआइएस (हीमोडायलिसिस इनफार्मेशन सिस्टम) पोर्टल पर देखा जा सकता है।


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