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करेंट से परिवार के चार सदस्य झुलसे, एक की मौत

जिला अस्पताल गेट के सामने मंगलवार को ठेले में करेंट उतरने से एक ही परिवार के चार लोग गंभीर रुप से झुलस गए। आसपास के लोगों ने सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने एक सदस्य को मृत घोषित कर दिया। इससे परिवार में कोहराम मच गया। सदर हास्पीटल गेट के सामने दिलीप की चाय की दुकान है। दस बजे के आसपास छोटे भाई अजय की पत्नी मंजू (32) दुकान के पास स्थित हैण्डपम्प से पानी भरने जा रही थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 05:37 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 09:31 PM (IST)
करेंट से परिवार के चार सदस्य झुलसे, एक की मौत
करेंट से परिवार के चार सदस्य झुलसे, एक की मौत

जागरण संवाददाता, बलिया : जिला अस्पताल गेट के सामने मंगलवार को ठेले में करेंट उतरने से एक ही परिवार के चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए। आस-पास के लोगों ने सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने एक सदस्य को मृत घोषित कर दिया। इससे परिवार में कोहराम मच गया।

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सदर हास्पिटल गेट के सामने दिलीप की चाय की दुकान है। सुबह 10 बजे के करीब छोटे भाई अजय की पत्नी मंजू (32 वर्ष) दुकान के पास स्थित हैंडपंप से पानी भरने जा रही थी। वहीं दुकान के पास ही अजय का ठेला खड़ा था जिसमें बिजली प्रवाहित हो रहा था। इस बात से बेखबर मंजू जैसे ही ठेले के पास पहुंची करेंट की चपेट में आ गई। यह देख दुकान पर बैठे दिलीप (45) ने मंजू को छुड़ाने का प्रयास किया और वह भी करेंट की जद में आ गया। भाई और पत्नी को तड़पता देख अजय (35) व संजय (28) भी मौके पर दौड़कर पहुंच गए और माजरा समझे बगैर ही दोनों को हटाने का प्रयास करने लगे। इससे ये दोनों भी करेंट की चपेट में आ गए। यह देख आस-पास के लोगों ने काफी मशक्कत से इन चारों को अलग किया। सभी घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने दिलीप को मृत घोषित कर दिया, वहीं अन्य सदस्यों का उपचार चल रहा है। घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। घरेलू इलाज के चक्कर में चली गई जान

करेंट की चपेट में आए एक ही परिवार के चार सदस्यों में से मृत दिलीप की जान बचाई जा सकती थी, पर ऐसा हो न सका। घटना के बाद परिजन घायलों का उपचार अपने ही करते रहे। चूल्हे की राखी व अन्य घरेलू इलाज में करीब आधा घंटा से अधिक का समय बर्बाद कर दिया। आस-पास के लोगों की सलाह पर घायलों को चंद कदम पर जिला अस्पताल में मौजूद डाक्टरों को दिखाया गया, तब तक काफी देर हो चुकी थी और दिलीप के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। चिकित्सकों ने बताया कि समय रहते अस्पताल पहुंच गए होते तो दिलीप की जान बचाई जा सकती थी।


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