चार घंटे की मिली छूट तो सड़क पर उमड़े, फिर पसरा सन्नाटा
शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का तीसरा दिन था। पहले दो दिन की प्रशासनिक सख्ती के बाद भी लोगों की आदत में विशेष सुधार नजर नहीं आ रहा है।
जागरण संवाददाता, बलिया : शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का तीसरा दिन था। पहले दो दिन की प्रशासनिक सख्ती के बाद भी लोगों की आदत में विशेष सुधार नजर नहीं आ रहा है। कुछ लोग अनावश्यक सड़कों पर अब भी घूमते दिख रहे हैं। समझदार व जिम्मेदार व्यक्ति खुद को आइसोलेट करने के लिए घरों में कैद रखे हैं। वैसे तो संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही जिला प्रशासन लोगों को सतर्क करने के साथ ही सख्ती भी दिखा रहा है बावजूद लोग संभल नहीं रहे हैं। शुक्रवार की सुबह सात से 11 बजे तक रोजमर्रा की खरीदारी के लिए दुकानों के खुलने के बाद नगरीय इलाकों की सड़कों पर लोग उमड़ पड़े। दुकानों पर लोगों की लाइन लग गई। जरूरी चीजों की खरीदारी के बहाने कुछ लोग सड़क पर तफरीह करते भी नजर आए। यह सिलसिला चार घंटे तक चलता रहा। हालांकि निर्धारित समयावधि समाप्त होने के बाद पुलिस की सख्ती शुरू हुई और लोगों को रोक कर पूछताछ की जाने लगी। इसके कुछ ही देर बाद सड़कों व मुख्य मार्गों पर सन्नाटा पसर गया। अनावश्यक घूमने से बाज नहीं आ रहे लोग
जिले के विभिन्न इलाकों के हालात यह हैं कि अब भी लोग सड़कों पर निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। खरीदारी के नाम पर लोग खुलेआम सोशल डिस्टेंसिग का उल्लंघन कर रहे हैं। न नियमों का पालन किया जा रहा है और न ही सुरक्षा के मानकों का ख्याल रखा जा रहा है। शहर की कॉलोनियों से लेकर गांवों तक में लोग निषेधाज्ञा की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यही नहीं व्यक्तिगत व सामूहिक सुरक्षा को भी अंगूठा दिखाया जा रहा है। हालांकि पुलिस अपने स्तर से ऐसे लोगों से सख्ती से निपट रही है। कहीं-कहीं तो ऐसे लोगों को दंडित भी किया जा रहा, बावजूद आदत में सुधार न होना चितनीय है। दोपहर बाद घरों में दुबके लोग
चार घंटे की छूट की सीमा समाप्त होने के बाद प्रशासनिक अमला सक्रिय हो उठा। जगह-जगह पुलिस गश्त शुरू हो गई। खरीदारी का समय समाप्त होने के बाद चट्टी-चौराहों पर तैनात पुलिस आने-जाने वालों से अपने अंदाज में निपटती रही। अकारण घर से बाहर निकलने वालों से पुलिस कड़ाई से पेश आई। मसलन पूर्वाह्न 11 बजे के बाद पुलिस की बढ़ी चौकसी ने लोगों को घरों मे कैद कर दिया। लिहाजा नगर की सड़कें एक बार फिर वीरान व सुनसान हो गई। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। छूट का उठा रहे नाजायज फायदा
शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने आमजन को सुबह में चार घंटे की छूट दे रखी है, ताकि लोग रोजमर्रा के सामान की खरीदारी कर सकें। इस दरम्यान लोगों से सोशल डिस्टेंसिग बरकरार रखने की अपील भी की जा रही है। गुरुवार को विभिन्न दुकानों पर एक मीटर का फासला निश्चित कर खरीदारी करने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन शुक्रवार को बाजार में निकले लोगों ने नियमों को ताख पर रख दिया। सब्जी दुकान से लेकर किराना स्टोर तक सोशल डिस्टेंसिग की धज्जियां उड़ाई गई। यहां तक कि लोगों ने सुरक्षा मानकों का भी ध्यान नहीं रखा। बेखौफ दौड़ रहे ई-रिक्शा
जिला प्रशासन ने आमजन की सहूलियत के लिए चार घंटे की छूट प्रदान की है, ताकि लोगों को आसानी से खाने-पीने की चीजें उपलब्ध हो सकें। हालांकि इसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं। बावजूद लोग इसका अनुपालन नहीं कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दरम्यान शहर की सड़कों पर ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा बेखौफ फर्राटा भर रहे हैं। जरूरी सामान की सप्लाई मुहैया कराने की बजाय ये सवारी ढोने में व्यस्त हैं। पुलिस को ऐसे चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है, अन्यथा जिला प्रशासन की तपस्या पर ऐसे लोगों की हठधर्मिता पानी फेर देगी। पुलिस के सामने उड़ी नियमों की धज्जियां
नगरा : शुक्रवार की सुबह नगरा सब्जी मार्केट में जो भीड़ देखने को मिली, वह काफी भयावह है। कही भी सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान नहीं रखा गया। कोरोना जैसे घातक बीमारी से बचाव के प्रति भी लोग गंभीर नहीं दिखे। हर जगह आपाधापी का माहौल रहा। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि यह सबकुछ डायल 112 की नजरों के सामने हो रहा था। इसका दुकानदारों ने जमकर फायदा उठाया और निर्धारित रेट से अधिक मूल्य पर वस्तुएं बेचीं। यही नहीं इस दरम्यान प्रशासनिक सख्ती के बावजूद न सिर्फ चिह्नित, बल्कि अन्य दुकानें खुली रहीं। सब्जी दुकान से लेकर किराना व फल दुकान पर लोगों का हुजूम काफी खतरनाक साबित हो सकता है। यही स्थिति बैरिया में देखने को मिली। सब्जी मार्केट में लोग बिना किसी सुरक्षा व नियम के खरीदारी करते देखे गए।