मंत्री के गृह जनपद में भुखमरी के कगार पर वन कर्मचारी
से पूरी हुई जनपद वासियों की मुराद बलिया : पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे से जनपद वासियों की मुराद पूरी हुई। इसको लेकर भाजपा पर कई तरफ से लगातार प्रहार हो रहे थे। बीते दिनों आजमगढ़ में प्रधानमंत्री की सभा में गए लोग भी वहां से वापस आने के बाद काफी नाराज थे। अब जब सीएम योगी ने सदन में यह घोषणा की है तो सभी खुश हैं। इनपुट-
धीरज ओझा
जागरण संवाददाता, बलिया : अधिकारियों के घर चूल्हा जलाने वालों के घरों का चूल्हा अब बुझने के कगार पर है। हैरानी की बात यह है कि वन राज्यमंत्री के गृह जनपद में ही वन कर्मचारी भुखमरी की समस्या से जूझ रहे हैं और मंत्री को मामले की भनक तक नहीं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं वन विभाग में तैनात संविदा कर्मियों की, जिनको नवंबर माह से ही वेतन नहीं मिल रहा है। अधिकारी बजट न होने की बात कहकर मामले को टाल दे रहे हैं। विभागीय काम को निपटाने के लिए तकरीबन एक दर्जन संविदा कर्मचारियों को रखा गया है। इसमें कम्प्यूटर आपरेटर से लगायत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं। एक तो इन्हें स्थायी कर्मचारियों की तुलना में काफी कम वेतन मिलता है, वहीं समय से भुगतान न होने के कारण इन कर्मचारियों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। इनमें से कुछ ऐसे भी कर्मचारी हैं जो अपने अधिकारियों का भोजन भी बनाते हैं।
वर्जन
जिलाधिकारी भवानी ¨सह खंगरौत ने बताया कि कभी-कभी बजट न आने से वेतन का वितरण नहीं हो पाता। अगर विभाग के पास बजट नहीं है तो विभाग से बजट के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा ताकि किसी भी कर्मचारी का वेतन न बाधित हो। इस बाबत वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी से वस्तुस्थिति जानने की कोशिश की गई ¨कतु उनका फोन नहीं उठा।