पिता ही निकला मासूम बेटे का हत्यारा, गिरफ्तार
शक एक ऐसी लाइलाज बिमारी है जो किसी भी हंसते खेलते घर को बर्बाद कर देती है। जब यही शक पति अपने पत्नी के चरित्र पर करें तो मामला और भी गंभीर हो जाता है।
जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : शक एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जो किसी भी हंसते-खेलते घर को बर्बाद कर देती है। जब यही शक पति अपने पत्नी के चरित्र पर करे तो मामला और भी गंभीर हो जाता है। ऐसा ही शक सच्चिदानंद ने पत्नी सुनीता के चरित्र पर किया जिससे एक मासूम को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा।
पितृत्व के विवाद में पिता अपने ही पुत्र का कातिल बन बैठा। थाना क्षेत्र के अतरौली करमौता गांव के तीन माह के मासूम सहर्ष का कातिल उसका पिता ही निकला। पुलिस ने घटना के चौथे दिन इस हृदयविदारक घटना के रहस्य से पर्दा उठाते हुए हत्यारे पिता सच्चिदानंद को सोमवार सुबह निकासी चट्टी से धर दबोचा। वह कहीं भागने की फिराक में था। पुलिस की जांच में इस घटना की कहानी जो उभर कर सामने आई है वह दिल दहला देने वाली ही नहीं, बल्कि पिता के रिश्ते को कलंकित करने वाली भी है।
पुलिस ने इस प्रकरण में सहर्ष की मां सुनीता को गवाह बनाया है। घटना का खुलासा करते हुए प्रभारी निरीक्षक यादवेंद्र पांडेय ने बताया कि आरोपी सच्चिदानंद का विवाह 13 जून 2018 को सुनीता पुत्री दरोगा निवासी धनौती सलेम थाना गड़वार के साथ हुआ था। शादी के बाद सुनीता को एक बेटा सहर्ष पैदा हुआ। जब से सहर्ष अपनी मां के गर्भ में आया तभी से सच्चिदानंद कहने लगा था कि यह बच्चा मेरा नहीं है। इसका गर्भपात करा दो। इसको लेकर पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे। विगत गुरुवार की रात पति-पत्नी व मासूम सहर्ष एक ही बिस्तर पर सोए थे। पति-पत्नी के बीच बात होते होते विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
सच्चिदानंद ने पत्नी सुनीता से कहा कि तुमसे शादी करके मेरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं कहीं मुंह दिखाने की स्थिति में नहीं हूं। कुछ ऐसी ही बात पत्नी ने भी कहा। दोनों मे झगड़ा होने के पश्चात सच्चिदानंद ने बच्चे को उठाया और पत्नी को डराने के लिए बाहर जाने लगा। पत्नी सुनीता भी पीछे-पीछे दौड़ी। सच्चिदानंद उसे बार-बार झिड़क रहा था। सच्चिदानंद को लग रहा था कि इस बच्चे को लेकर ही पति-पत्नी के बीच हमेशा विवाद होता है। यदि इस बच्चे को ठिकाने लगा दिया जाए तो हम लोगों का विवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। जब सच्चिदानन्द पोखरी के पास पहुंचा तो वह गुस्से में मासूम सहर्ष को पोखरी में फेंक दिया। पत्नी पोखरी में उतरना चाही, लेकिन आरोपित उसे पकड़ कर खींचते हुए घर लाया। इसके बाद आरोपित ने पत्नी को धमकाया और कहा कि अब जो होना था हो गया। अगर कहीं मुंह खोलोगी तो जान से मार दूंगा। इसके बाद आरोपित ने पत्नी से 100 नंबर पर फोन करवाया। पत्नी को चुप कराने के बाद आरोपित पिता ने शुक्रवार को थाने में सहर्ष के अपहरण की तहरीर दी। शनिवार को सुबह सहर्ष की लाश पोखरी में मिली। डीएम व एसपी ने किया था घटनास्थल का निरीक्षण
आरोपित सच्चिदानंद द्वारा सहर्ष के अपहरण की तहरीर देने व शनिवार को पोखरी में उसका शव मिलने की सूचना मिलते ही प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे। घटना को गंभीरता से लेते हुए डीएम भवानी सिंह खंगारौत व एसपी देवेंद्रनाथ ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद सहर्ष की मां से विस्तृत पूछताछ की थी। सारी परिस्थितियों का अवलोकन करने के बाद पुलिस की जांच पति-पत्नी पर ही टिक गई थी। पुलिस अधीक्षक ने इस घटना के खुलासे के लिए नगरा पुलिस के सहयोग में स्वाट टीम को भी लगाया था। पति सच्चिदानंद व पत्नी सुनीता से बारी-बारी से पूछताछ में घटना से संबंधित सारी परतें खुल गई। पुलिस की पूछताछ में पहले तो सच्चिदानंद पत्नी पर ही आरोप लगाता रहा, कितु पत्नी द्वारा सच्चाई बयान करने के बाद सच्चिदानंद टूट गया व अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने मासूम सहर्ष के पिता सच्चिदानंद के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपित पिता को जेल भेज दिया।
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