लक्षण बताएं, निश्चय ही पॉजिटिव केस व मौत का आंकड़ा होगा कम
जागरण संवाददाता बलिया जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने एक बार फिर लोगों से अपील की है
जागरण संवाददाता, बलिया: जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि कांटेक्ट ट्रेसिग व सर्वे टीम का सहयोग करें, उन्हें सही-सही जानकारी दें। ऐसा करके कोरोना के प्रसार पर आसानी से अंकुश लगा सकते हैं। वे रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों की मृत्यु का आंकड़ा चिताजनक जरूर है, लेकिन अगर लोग किसी लक्षण को छुपाए नहीं, मेडिकल टीम को समय से सही-सही जानकारी दें तो निश्चित रूप से यह आंकड़ा कम हो सकता है। डोर-टू-डोर सर्वे को जाने वाली टीम का सहयोग नहीं करना और सही लक्षण नहीं बताना उनके लिए ही घातक होगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि सैंपलिग के मुकाबले पॉजिटिव केस की संख्या में कमी आई है। फिलहाल कांटेक्ट ट्रेसिग से संपर्क में आए लोगों के अलावा जिनमें कोई लक्षण हैं या जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उनकी जांच प्राथमिकता पर कराई जा रही है। कोरोना पर कंट्रोल, शहर व रसड़ा में आई भारी कमी
डीएम ने बताया कि अब तक 71 हजार से ऊपर सैम्पलिग कराई गई, जिनमें 4072 पॉजिटिव केस मिले। इसमें 434 एक्टिव केस हैं और 53 मौत हुई है। जिले का रिकवरी रेट 88 प्रतिशत है। बलिया शहर में सबसे ज्यादा एक्टिव केस कभी 500 से ज्यादा था, अब 77 रह गया है। इसी प्रकार रसड़ा में दो सौ से ज्यादा केस था जो अब 29 है। कुल मिलाकर 26 जुलाई तक 7152 सैम्पल में 1273 केस आए, जबकि 26 जुलाई के बाद इसके कई गुना ज्यादा सैम्पल गए और 2799 केस मिले। इस प्रकार सैंपलिग के मुकाबले पॉजिटिव केस में आई कमी देखना राहत भरा है। निश्चित रूप से कांटेक्ट बस लोग सावधानी बरतें तो संख्या में भारी कमी आ जाएगी। इनसेट---
इवरमेक्टिन का कोई साइड इफेक्ट नहीं, हर व्यक्ति करें उपयोग
बलिया: डीएम एसपी शाही ने कहा कि इवरमेक्टिन (द्ब1द्गह्मद्वद्गष्ह्लद्बठ्ठ )दवा का इस्तेमाल बेहिचक कर सकते हैं। बताया कि यह आम तौर पर कीड़ी की दवा है जो ऐसे भी लोग हर 6 महीने पर खाते हैं। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
इसके इस्तेमाल के बाबत शिशु रोग विशेषज्ञ डा. सिद्धार्थ मणि दूबे ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति रात का खाना खाने के बाद 12 एमजी की एक गोली लें। फिर इसके 7 वें और 30वें दिन एक-एक गोली खाएं। इस बात का ध्यान रहे कि गर्भवती महिलाओं और 5 वर्ष के नीचे के बच्चों को यह दवा नहीं खाना है। बाहरी समाज में घूमने वाले व्यक्ति को ही यह दवा खानी है। इनसेट---
खतरे को पहले ही भांपने के लिए ऑक्सीमीटर बेहद जरूरी
जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर बहुत ही जरूरी है। इससे सम्भावित खतरे को पहले ही भांपा जा सकता है। अक्सर देखा जा रहा है कि कुछ कोरोना पॉजिटिव मरीज में कोई लक्षण नहीं है, पर ऑक्सीजन लेवल गिरने की वजह से जान चली जा रही है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन लेवल 96 के नीचे आए तो अलर्ट हो जाना चाहिए। अगर 92 से नीचे आ गया तो तत्काल कंट्रोल रूम को सूचित करें, ताकि जरूरत के हिसाब से एल-1 या एल-2 अस्पताल ले जाकर बाहर से ऑक्सीजन देकर उनकी जान बचाई जा सके। यही वजह है कि ऑक्सीमीटर रखने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मृत्यु में वृद्धों की संख्या ज्यादा, रहें सावधान
कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा देखा जाए तो इसमें सबसे ज्यादा 60 वर्ष से ज्यादा के 23 लोग हैं। इसके अलावा 50 से 60 वर्ष के बीच के 13 लोग, 30 से 50 वर्ष के बीच के 12 लोग, 21 से 30 वर्ष तक के दो तथा 0 से 10 वर्ष तक के दो की मृत्यु हुई है।