Move to Jagran APP

ई-पॉस मशीन बना शो पीस, उपभोक्ता हलकान

दोनों नालों की दूरी -कहां से कहां तक जाता है -वित्तीय वर्ष में किस-किस मद से हुई खोदाई -वर्तमान में क्या है स्थिति

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 05:24 PM (IST)
ई-पॉस मशीन बना शो पीस, उपभोक्ता हलकान
ई-पॉस मशीन बना शो पीस, उपभोक्ता हलकान

जागरण संवाददाता, बांसडीहरोड (बलिया) : सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद पीडीएस प्रणाली में शुचिता स्थापित करने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। अभी ई-पॉस मशीन से वितरण का सामंजस्य स्थापित करने की कवायद चल ही रही थी कि कोटेदारों ने पर्ची देना बंद कर मर्ज को और बढ़ा दिया ।

loksabha election banner

अब ई-पॉस मशीन महज अंगूठा टेक सिस्टम बन कर रह गयी है। न तो इससे राशन का विवरण मिल पा रहा है और न ही चुकता किए जाने वाली धनराशि की ही जानकारी हो पा रही है। कोटेदारों की मनमानी से सार्वजनिक वितरण प्रणाली एक बार फिर पुराने ढर्रे पर लौटती दिख रही है। पीडीएस सिस्टम में ई-पॉश मशीन की व्यवस्था लागू कर यह तर्क दिया जा रहा था कि इससे कार्डधारक को न सिर्फ समुचित मात्रा में राशन मिलेगा बल्कि चुकाई जाने वाली कुल कीमत की भी जानकारी उपलब्ध को पाएगी लेकिन कोटेदारों की मनमानी से यह व्यवस्था दूर की कौड़ी बन कर रह गयी है।

उपभोक्ताओं का कहना है कि जैसे-तैसे राशन तो मिल जा रहा है लेकिन अब पर्ची नहीं दी जा रही है। कार्डधारकों को यह डर सता रहा है कि इसकी मांग करने पर कहीं राशन से भी हाथ न धोना पड़े। इस बावत कोटेदारों के अलग-अलग जवाब हैं। किसी के पास कागज नहीं है तो किसी को राशन वितरण में अंगूठा लगवाना ही बड़ा काम प्रतीत हो रहा है। ऐसे में जिस मानक को तय करने के लिए ई-पॉस मशीन की व्यवस्था की गई थी। उस व्यवस्था को जिम्मेदार आसानी से अपने हिसाब से समेट दे रहे हैं। हाल में इसका नजारा शंकरपुर गांव में राशन वितरण के दौरान देखने को मिला जहां राशन बांटने के बाद उपभोक्ताओं का विवरण रजिस्टर पर लिखा जा रहा था। जिसे लेकर उपभोक्ताओं ने आपत्ति जताई तो कोटेदार का कहना था कि मशीन काम नहीं कर रही है।

ऐसे में राशन वितरण प्रक्रिया एक बार फिर पुरानी व्यवस्था की ओर लौटती दिख रही है। सब कुछ पहले जैसा नजर आ रहा है । सरकार द्वारा सब कुछ व्यवस्थित किये जाने के बाद भी मानक की अनदेखी जारी है जो लाभार्थियों के हक व जेब दोनों पर भारी पड़ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.