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उपभोक्तओं के लिए छलावा साबित हो रही आसान किस्त योजना

बिजली बकाएदारों को राहत देने व राजस्व वसूली को ²ष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार ने आसान किस्त योजना शुरू की है। इसमें चार किलोवाट तक विद्युत भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है। उपभोक्ता 31 दिसंबर तक अपना पंजीकरण करा कर 12 व 24 किस्तों में अपना बकाया जमा कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 08:10 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 06:07 AM (IST)
उपभोक्तओं के लिए छलावा साबित हो रही आसान किस्त योजना
उपभोक्तओं के लिए छलावा साबित हो रही आसान किस्त योजना

जागरण संवाददाता, बलिया: बिजली बकाएदारों को राहत देने व राजस्व वसूली को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार ने आसान किस्त योजना शुरू की है। इसमें चार किलोवाट तक विद्युत भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है। उपभोक्ता 31 दिसंबर तक अपना पंजीकरण करा कर 12 व 24 किस्त में अपना बकाया जमा कर सकते हैं। शर्त यह है कि किस्त के साथ वर्तमान बिजली बिल भी जमा करना होगा। पंजीकरण के समय उपभोक्ताओं को सरचार्ज रहित बकाया मूल धनराशि का पांच प्रतिशत या न्यूनतम 15 सौ रुपये के साथ वर्तमान बिल जमा करना अनिवार्य किया गया है।

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पर अफसोस, बकाया वसूली के लिए शुरु की गई यह योजना उपभोक्ताओं के लिए छलावा साबित हो रही है। सरकार के आदेश पर बिजली विभाग सरचार्ज माफ किये जाने का ढिढोरा पीट रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। पंजीकरण के समय किस्त का निर्धारण कराने के बाद अगली किस्त जमा करते समय उपभोक्ताओं का न सिर्फ भ्रम टूट जा रहा है अपितु सरकारी झांसे की पोल भी खुल जा रही है। वजह कि किस्त व वर्तमान बिल के साथ ब्याज भी कि स्तों में उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा है। यह देख उपभोक्ताओं का होश ठिकाने लग जा रहा है। ऐसा किसी एक के साथ नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के साथ हो रहा है जो आसान किस्त योजना के तहत अपना पंजीकरण करा रखा है। ऐसे में उपभोक्ता अपने को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। उसे समझ में नहीं आ रहा कि आखिर जब बकाया बिल पर ब्याज वसूला ही जाना था तो इतना भ्रमित करने की आवश्यकता ही क्या है। क्यों सरकार व उसके नुमाइंदे योजना का बखान करते नहीं अघा रहे हैं। एक तरफ सरकार गांव व शहरी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए बकाया बिजली बिल का मूलधन जमा करने के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं दूसरी ओर किस्तों में ब्याज की वसूली कई अनुत्तरित प्रश्नों को जन्म दे रहा है। इस वजह से उपभोक्ताओं का न सिर्फ इस योजना से मोहभंग होने लगा है बल्कि अपनी पूर्णाहुति से पूर्व ही योजना की सफलता पर प्रश्नचिह्न भी लग गये हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि किस्त व वर्तमान बिल के साथ ब्याज वसूलना ही था तो सरकार को यह योजना लाने की जरुरत की क्या थी। इसकी तुलना में एक मुश्त समाधान योजना ही ठीक थी। इससे उपभोक्ताओं के साथ छल भी नहीं होता और दिलचस्प उपभोक्ता लाभ भी उठा लेते। उपभोक्ताओं को कहना है कि यदि समय रहते इस खामी को दूर नहीं किया गया तो परवान चढ़ने से पूर्व ही योजना धड़ाम हो जाएगी।

इनसेट

11 नवम्बर से शुरु हुई योजना के तहत अब तक जिले के महज 3600 उपभोक्ताओं ने ही अपना पंजीकरण कराया है। वैसे तो विभाग अधिकाधिक उपभोक्ताओं को इस योजना से आच्छादित करने का प्रयास कर रहा है लेकिन एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है। जिले में जहां कुल बकाएदारों की संख्या करीब 1.25 लाख है वहीं इसके सापेक्ष करीब 2.88 प्रतिशत उपभोक्ताओं का पंजीयन कराना योजना की सफलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। अब जब कि इस योजना की के तहत पंजीकरण कराने के लिए सिर्फ एक सप्ताह का समय शेष है।

वर्जन

इस योजना में ब्याज शत प्रतिशत माफ कर दिया गया है। सिर्फ मूलधन व वर्तमान बिजली बिल को ही जमा करने का प्राविधान है। ऐसे में ब्याज की अदायगी का कोई सवाल ही नहीं उठता। यदि ऐसा है तो इसको पता कर दुरुस्त कराने का काम किया जाएगा। जरुरत पड़ी तो शासनस्तर तक बात की जाएगी।

-एचएस सत्यार्थी, अधीक्षण अभियंता


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