खुली नालियों से बदबू, जीवन जीने को मजबूर
केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है, इसके बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही है। स्वच्छता के लिए पूरे देश में एक अभियान तो चलाया गया है लेकिन यह अभियान आज भी जमीन पर नहीं उतर पा रहा है। सफाइ्र को आधार मान आदर्श नगर पंचायत सिकंदरपुर की एक पड़ताल करने पर यहां भी कई तरह की समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सिकंदरपुर (बलिया) : केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है, इसके बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही है। स्वच्छता के लिए पूरे देश में एक अभियान तो चलाया गया है लेकिन यह अभियान आज भी जमीन पर नहीं उतर पा रहा है। सफाई को आधार मान आदर्श नगर पंचायत सिकंदरपुर की एक पड़ताल करने पर यहां भी कई तरह की समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं। वार्ड नंबर 12 में तो समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। खुली नालियों से आती बदबू पूरे मोहल्ले को परेशान करती है। इसके बावजूद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोग घरों से कूड़ा बाहर सड़क किनारे रख देते हैं। उसे भी समय से उठाकर ले जाने का इंतजाम नगर पंचायत की ओर से नहीं किया किया है। ----वर्जन------
खुले में कूड़ा डालने की मजबूरी यहां सभी की है। पूरे दिन सड़कों पर सूअर घूमते रहते हैं। इसके बावजूद नगर पंचायत की ओर से साफ-सफाइ्र या कूड़ा निस्तारण के उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
मोहम्मद आरिफ, अध्यापक
--हम लोग दिन भर इसी गंदगी में रहते हैं। खुले में नाबदान का पानी बह रहा है, यहां सरकार के स्वच्छता अभियान का कोई मतलब नहीं है। जिम्मेदारों इस ओर कभी भी गंभीर नहीं होते।
मोहम्मद अहमद
--सफाई कभी भी समय से नहीं होती है। आम जनता घर से बाहर कूड़ा तो रख देती है लेकिन सफाई कर्मचारी मौके से कूड़ा ही नहीं उठाते। जिससे मौके पर कूड़े का अम्बार लग जाता है।
अनिल कुमार गुप्ता --सरकार भले ही स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो बावजूद इसके इस वार्ड में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। नालियां बजबजाती रहती है। शिकायत के बाद भी कोई करवाई नगर पंचायत के द्वारा नहीं की जाती है।
घनश्याम मोदनवाल, सभासद