जनशिकायतों की समीक्षा में डीएम ने अधिकारियों के कसे पेंच
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जागरण संवाददाता, बलिया: जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को हुई जनशिकायतों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों के पेंच कसे। उन्होंने कहा कि खासकर संपूर्ण समाधान दिवस व जनता को राहत पहुंचाने से जुड़े मामलों को गम्भीरता के साथ लें। डिफाल्टर श्रेणी में शिकायत का जाना ही अधिकारियों की लापरवाही पुष्ट कर देगी। स्पष्ट किया कि जिनकी शिकायत डिफाल्टर होगी, उनकी जवाबदेही तय की जाएगी और लापरवाही मिली तो कार्रवाई भी होगी।
कलेक्ट्रेट के विभिन्न टेबल के लिपिकों को चेताया कि पेंशन, विभागीय कार्यवाही, अभिलेखों के रखरखाव व रिपोर्टिंग जैसे मामलों में अपनी जिम्मेदारी समझें। ऐसा नहीं करें कि निलंबन की स्थिति का सामना पड़े।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि डाक पहुंचने का इंतजार नहीं करें, बल्कि पोर्टल की जांच हर रोज कर लें। वहीं से शिकायत का प्रिट निकालकर जांच करवाएं और निस्तारित कर ऑनलाइन रिपोर्ट भी कर लें। इससे जांच के लिए भी पर्याप्त समय मिल जाएगा और निर्धारित समय में शिकायतों का निस्तारण भी हो जाएगा।
आर्थिक मदद से सम्बंधित 58 मामले डिफाल्टर होने पर जिलाधिकारी ने सवाल किया। कहा, इन मामलों का लम्बित होना अत्यंत आपत्तिजनक है। सम्बंधित अधिकारी सचेत हो जाएं। बैठक में एडीएम राम आसरे, एसडीएम सिकंदरपुर अन्नपूर्णा गर्ग, एसडीएम रसड़ा विपिन जैन, एसडीएम सदर अश्विनी श्रीवास्तव, एसडीएम बेल्थरा राजेश यादव, ईडीएम अभिजात सिंह आदि मौजूद थे