डीएम का आदेश बेअसर, नहीं हट पाया बाजार से अतिक्रमण
मर्ज बढता ही गया ज्यों ज्यों दवा की। कुछ ऐसी ही ही हालत इन दिनों नगरा बाजार की हो चुकी है। अतिक्रमण व जाम के चलते जनता कराह रही है कितु जन फरियाद को कोई सुनने वाला नहीं है। अतिक्रमण व जाम की समस्या ने नगरा बाजार की सूरत ही बिगाड़ कर रख दिया है। अतिक्रमण हटाने के मामले में तत्कालीन डीएम भवानी सिंह खंगारौत का आदेश भी बेअसर साबित हुआ है।
जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : मर्ज बढ़ता ही गया, ज्यों ज्यों दवा की। कुछ ऐसी ही ही हालत इन दिनों नगरा बाजार की हो चुकी है। अतिक्रमण व जाम के चलते जनता कराह रही है कितु जन फरियाद को कोई सुनने वाला नहीं है। अतिक्रमण व जाम की समस्या ने नगरा बाजार की सूरत ही बिगाड़ कर रख दिया है। अतिक्रमण हटाने के मामले में तत्कालीन डीएम भवानी सिंह खंगारौत का आदेश भी बेअसर साबित हुआ है। स्थिति यह है कि बाजार का हर रोड अतिक्रमण का शिकार है। कभी-कभी तो घंटों तक जाम लगा रहता है, इससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पडता है। नगरा सिकंदरपुर मार्ग हो या नगरा रसडा मार्ग, नगरा भीमपुरा मार्ग हो या नगरा बिल्थरारोड मार्ग सभी के पटरियों पर दुकानदारों का कब्जा है। दुकानदारों ने सड़क की पटरियों तक बढ़ा कर दुकान लगा लिया है। जनता इंटर कालेज के मुख्य गेट से लेकर हनुमान चौक तक सडक की दोनों पटरियों पर सब्जी विक्रेताओं ने कब्जा कर रखा है। ठेले-खोमचे वालों के कारण जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। रोशन शाह दाता की मजार के सामने मांस की बिक्री किए जाने से बाजारवासियों में आक्रोश है।
तत्कालीन जिलाधिकारी ने दैनिक जागरण में छपी खबर का संज्ञान लेकर उपजिलाधिकारी रसड़ा को कार्यवाई का निर्देश दिया था। अतिक्रमण हटाने के लिए मुनादी भी कराई गई थी, इसके बाद राजस्व विभाग ने हाथ खडे़ कर लिए। तत्कालीन जिलाधिकारी का स्थानांतरण हो जाने के बाद उनका आदेश भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इस संबंध में नगरा के लेखपाल बलिराम सिंह का कहना है कि सडक लोक निर्माण विभाग की है। इसलिए अतिक्रमण हटाने का अधिकार उसी को है। डीएम के आदेश के अनुपालन में आख्या लोकनिर्माण विभाग को भेज दी गई है।