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भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा देने की उठी मांग

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By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 06:01 AM (IST)
भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा देने की उठी मांग
भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा देने की उठी मांग

जासं, सुखपुरा (बलिया) : अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर क्षेत्र के प्रमुख साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था अंकुर के सदस्यों ने शुक्रवार को बैठक कर भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा देने की मांग की है। वक्ताओं ने कहा है कि भोजपुरी क्षेत्र के लोगों की मातृभाषा भोजपुरी है जो पूरे विश्व में 25 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। बावजूद इसके भोजपुरी को अभी तक संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं है। वक्ताओं ने प्रदेश के भाजपा सरकार से भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने का आग्रह किया। वहीं भोजपुरी में पाठ्यपुस्तक उपलब्ध कराने की भी प्रदेश सरकार से मांग की है। कहा कि मातृभाषा में पठन-पाठन से कठिन से कठिन विषय आसानी से ग्राह्य हो जाता है। मातृभाषा के अध्ययन से ही प्रगति की राह निकलेगी। वृंदावन शिक्षण संस्थान पर आयोजित बैठक में बृज मोहन प्रसाद अनारी, विजय बहादुर सिंह, गोपाल जी चितेरा, राजनारायण यादव, आरएस यादव, डा.एसएन मिश्र, राजेंद्र सिंह गंवार, अनिल सिंह, अभिमन्यु, रवीन्द्र नाथ आदि मौजूद थे। अध्यक्षता विजय शंकर सिंह व संचालन सुभाष ने किया।

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