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मनरेगा को ले डूबी रोजगार सेवकों की स्वेच्छाचारिता

केन्द्र सरकार द्वारा गांवों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना संचालित कर रही है। प्रत्येक वर्ष इस पर भारी भरकम राशि भी खर्च की जा रही है। विकास के नाम पर कराये जाने वाले कार्यों का लाखों में भुगतान भी होता है

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 05:24 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 05:24 PM (IST)
मनरेगा को ले डूबी रोजगार सेवकों की स्वेच्छाचारिता
मनरेगा को ले डूबी रोजगार सेवकों की स्वेच्छाचारिता

जागरण संवाददाता, बलिया : केन्द्र सरकार गांवों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना संचालित कर रही है। प्रत्येक वर्ष इस पर भारी भरकम राशि भी खर्च की जा रही है। विकास के नाम पर कराए जाने वाले कार्यों का लाखों में भुगतान भी होता है बावजूद गांवों की न तो सूरत बदली और न ही लोगों को रोजगार मिल पाया। विडम्बना देखिए कि लाखों रुपये खर्च करने वाले बहुतेरे गावों को एक अदद पगडंडी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है।

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हैरत की बात तो यह जिनके ऊपर इस कार्य का दायित्व सौंपा गया है वे महज कागजी कोरम पूरा कर कर्तव्यों की इतिश्री में जुटे रहे। इनकी स्वेच्छाचारिता से मनरेगा का लाभ न तो गांवों को मिला और न ही कमाकाजी ही इससे लाभांवित हो पाए। पिछले दिनों मंडलायुक्त कनक त्रिपाठ की बैठक में मनरेगा का जो सच सामने आया वह आंख खोलने वाला रहा। जिले के 17 ब्लाकों में सात ब्लाकों की प्रगति 60 फीसद से भी कम रही। वहीं मात्र पांच विकास खंडों की प्रगति रिपोर्ट अपेक्षापुरुप मिली। इसमें सबेसे खराब स्थित रसड़ा ब्लाक की रही जहां निर्धारित श्रम दिवसों के सापेक्ष मात्र 49.74 प्रतिशत ही पूरा किया गया। इसके अलावा इस फेहरिश्त में नगरा, बेरुआरबारी, सीयर, सोहांव, मुरलीछपरा व बैरिया शामिल हैं।

मनरेगा के तहत बेहतर कार्य करने वाले ब्लाकों में मनियर, पंदह, चिलकहर, हनुमानगं व रेवती में श्रम दिवसों का 83 प्रतिशत से 113 प्रतिशत कार्य किया गया। इसके अलावा शेष ब्लाकों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं रही। मंडलायुक्त के कड़े तेवर के बाद जिलास्तरीय अधिकारी इसकी वजहों को जहां तलाशने में जुटे हैं वहीं जिम्मेदार ग्राम रोजगार सेवकों का अनुबंध समाप्त करने का आदेश जारी किया जा रहा है। इनसेट

इनका समाप्त होगा अनुबंध

मनरेगा की धूमिल प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले रेवती ब्लाक के 18 रोजगार सेवकों पर दायित्वों का निर्वहन सुचारू रूप से न करने का आरोप लगाते हुए उपायुक्त श्रम रोजगार देवनंदन दूबे ने अनुबंध समाप्त करने निर्देश दिया है। इसमें ग्रामसभा आसमानठोठा, गायघाट, भोपालपुर, डुमरिया, नैना, रामपुर मसरिक, हरपुर, झरकटहां, महाधनपुर, मुड़ाडीह, शोभनाथपुर, भोपतपुर, रामपुर, वशिष्ठ नगर, कुशहर व त्रिकालपुर के रोजगार सेवक शामिल हैं। इसके अलावा अन्य ब्लाकों के रोजगार सेवकों पर भी गाज गिर सकती है। डीसी मनरेगा ने बताया कि लापरवाह रोजगार सेवकों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। इनसेट

इनकी प्रगति रही खराब

ब्लाक का नाम कार्य का प्रतिशत

रसड़ा 49.74

नगरा 53.40

बेरुआरबारी 55.15

सीयर 59.49

मुरली छपरा 56.07

सोहांव 59.56

बैरिया 59.86

नवानगर 69.00 इनसेट

इनका कार्य रहा सराहनीय

ब्लाक का नाम कार्य का प्रतिशत

मनियर 113.19

पंदह 108.03

चिलकहर 92.01

हनुमानगंज 86.37

रेवती 83.05

सोहांव 59.56

बैरिया 59.86

नवानगर 69.00


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