मुखाग्नि देकर बेटी ने पूरे किए पिता के अरमान
कहते हैं पिता के निधन के बाद एक बेटा ही पिता को मुखग्नि देकर अपना धर्म निभाते हैं, लेकिन जब कोई बेटी इस परंपरा का निर्वाह करे तो उसकी चर्चा हर जगह होने लगती है। कुछ ऐसा ही ²श्य रेवती कस्बे के वार्ड नम्बर दो के निवासी गड्डू पासवान के निधन के बाद नदी घाट मझौंवा में सभी के सामने था। गुड्डू पासवान को चार बेटियां संग एक पुत्र भी था।
जागरण संवाददाता, बलिया : कहते हैं पिता के निधन के बाद एक बेटा ही पिता को मुखग्नि देकर अपना धर्म निभाते हैं, लेकिन जब कोई बेटी इस परंपरा का निर्वाह करे तो उसकी चर्चा हर जगह होने लगती है। कुछ ऐसा ही ²श्य रेवती कस्बे के वार्ड नम्बर दो के निवासी गड्डू पासवान के निधन के बाद नदी घाट मझौंवा में सभी के सामने था। गुड्डू पासवान को चार बेटियां संग एक पुत्र भी था। पुत्र की दो साल पहले किसी बीमारी से मौत हो गई थी। जिसके बाद पिता गड्डू पासवान अक्सर परिवार में कहा करते थे कि उनके निधन के बाद उनकी बेटियां ही बेटे के फर्ज अदा करेंगी। उन्हें उनकी बेटियां ही मुखग्नि देकर तृप्त करेंगी। शुक्रवार की रात जब गड्डू पासवान नहीं रहे तो उनकी बेटी प्रियंका सहित अन्य बेटियां नदी घाट पर उनके शव के साथ पहुंची और अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने को जब अपना पांव आगे बढ़ाया तो समाज के कुछ लोग ताज्जुब में पड़ गए। कुछ लोग नाकारात्मक बातें करने लगे। लेकिन बेटियां किसी की भी परवाह किए बगैर अपने मामा प्रदीप पासवान को आगे कर बेटे का फर्ज अदा किया। इसके बाद इन बेटियों की चर्चा सर्वत्र हो रही है। नदी घाट पर बहुत से लोगों ने बेटियों के इस कदम की सराहना की।