सई उफान पर, फिर शुरू हुई भूमि की कटान
सई नदी का जलस्तर एक बार फिर से उफान पर है। नदी में एक बार फिर तेजी से वृद्धि होना शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, तेजी बाजार (जौनपुर): सई नदी का जलस्तर एक बार फिर से उफान पर है। इससे बंगालीपुर घाट के किनारे स्थित बस्ती में कटान शुरू हो गई है। कटान की वजह से सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि व वृक्ष नदी में समा चुके हैं। शासन व प्रशासन स्तर से यहां बचाव के लिए होने वाला निर्माण कार्य आजतक नहीं शुरू हो सका।
जन्नौर गांव स्थित बंगालीपुर घाट पर नदी अपने तेज बहाव के साथ सर्पाकार मोड़ लेते हुए उत्तरी तट को लगातार काट रहा है। वहीं नदी मलबे को दक्षिणी तट पर जमा कर रही है। प्रतापगढ़ जनपद से नदी में अधिक पानी आने व अधिक वर्षा होने के कारण नदी द्वारा भूमि का कटान अधिक हुआ है। ऐसे में दशकों पूर्व से अब तक नदी करीब 200 मीटर उत्तर की ओर खिसक चुकी है। पन्नालाल नाविक ने बताया कि पूर्व में नदी यहां से 200 मीटर दूर कोइलियावीर बाबा के मंदिर के पास से होकर गुजरती थी।
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नदी के कटान में इनकी गई जमीन
नदी के कटान के कारण अपनी जमीन खो चुके मैन बहादुर, सियाराम, भारत, महेंद्र कुमार, मोतीलाल, दयाराम यादव, अनवर अली, राजेश कुमार, छोटेलाल, जगदीश आदि ने प्रशासन से मांग किया कि इसको रोकने का कोई ठोस उपाय किया जाए।
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जागरण की खबर को लिया था संज्ञान में
शासन स्तर से कटाव रोकने के लिए वर्ष 2015 में बाढ़ नियंत्रण विभाग को निर्देश दिया गया। इस पर विभागीय इंजीनियरों ने 2016 में घाट पर पहुंचकर नदी की तलहटी से 60 फीट की ऊंचाई तक 600 मीटर की दूरी में पत्थर लगाने का प्रस्ताव तैयार किया। बावजूद आज तक काम नहीं शुरू हो सका। नाराज ग्रामीणों ने 2017 में क्षेत्रीय विधायक रमेश चंद्र मिश्र से शिकायत की। मामले को सीएम कार्यालय ने संज्ञान में लेते हुए डीएम को निर्देशित किया। डीएम ने सिचाई खंड-36 को बचाव कार्य कराने को कहा। संबंधित विभाग ने 2017 में इस टिप्पणी के साथ फाइल वापस कर दिया कि इस बार बारिश न होने के कारण कटान नहीं हो रहा है। 2018 में पुन: कटान होने पर ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। सीएम कार्यालय से डीएम को पुन: समस्या निस्तारण कराने को कहा। नहर विभाग को कटान रोकने की जिम्मेदारी दी गई वर्ष 2018 में इसे विधायक ने विधानसभा में भी उठाया।