वंचितों की आवाज उठाते रहे छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र
समाजवाद के पुरोधा छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर जीराबस्ती स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उसके पश्चात पार्टी कार्यालय पर श्रद्धांजलि सभा हुई। मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री मो.जियाउद्दीन रिजवी ने कहा कि छोटे लोहिया जीवन पर्यंत कमजोर व वंचित लोगों की बेहतरी के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करते रहे। जीवन में शीर्ष पदों पर रहने के बावजूद व्यक्तिगत अपने लिए कुछ नहीं किए। लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए हमेशा वकालत किए जबकि भारत के गृहमंत्री अमित शाह हिटलर शाही दिखा रहे है। उन्होंने कहा कि अमित शाह अपनी मर्यादा में रहते हुए संविधान सम्मत भाषा का प्रयोग करें वर्ना समाजवादी लोग उनके ही भाषा में जवाब देंगे।
जागरण संवाददाता, बलिया : समाजवाद के पुरोधा छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर जीराबस्ती स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उसके पश्चात पार्टी कार्यालय पर श्रद्धांजलि सभा हुई। मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री मो.जियाउद्दीन रिजवी ने कहा कि छोटे लोहिया जीवन पर्यंत कमजोर व वंचित लोगों की बेहतरी के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करते रहे। जीवन में शीर्ष पदों पर रहने के बावजूद व्यक्तिगत अपने लिए कुछ नहीं किए। लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए हमेशा वकालत किए।
विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री घूराराम ने कहा कि जनेश्वर जैसा बनना बहुत कठिन है। उनका जीवन सादगी का प्रतीक है। पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्त ने कहा कि गुरुजी कार्यकर्ताओं का सबसे ज्यादा सम्मान करते थे। जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव ने कहा कि छोटे लोहिया बनना नामुमकिन है। उनके आदर्शों पर चलने का आज संकल्प लेने की आवश्यकता है। इस मौके पर संजय उपाध्याय, सुधीर पासवान, साथी रामजी गुप्त, रंजीत चौधरी, संतोष, वंशीधर यादव, लोटन निषाद, डा.विश्राम यादव, मृत्युंजय तिवारी, यशपाल सिंह, रविद्र नाथ यादव, रामेश्वर पासवान, कुबेर तिवारी, मिटू खान, अजय यादव, विजय शंकर यादव, मंटू साहनी आदि मौजूद थे। संचालन राजन कन्नौजिया ने किया।
-
अपने गांव शुभनथहीं में भी याद किए गए छोटे लोहिया
जासं, बैरिया (बलिया) : राजनीति का मकसद आदमी को इंसान बनाना होता है। उसके भीतर अपने ही परिवेश अपने समाज और अपने ही तरह के दूसरे समुदायों के बीच मानवीय संवेदना पैदा करना होता है। जनेश्वर मिश्र की राजनीतिक राजनीति समाज को ऐसे रास्ते पर ले जाने की थी, जो समाज को जोड़ता है। जो आदमी की सोच को बड़ा बनाती है। यह बातें समाजवादी विचारक महाराष्ट्र वर्धा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति चितरंजन मिश्र के है। जो छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की 10वीं पुण्य तिथि पर उनके पैतृक आवास शुभनथही में आयोजित गोष्ठी को बुधवार को संबोधित कर रहे थे।
कहा कि दुर्भाग्य से आज जो राजनीति में काम कर रहे है वे यह कार्य नहीं कर पा रहे है। इस मौके पर भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह, सपा जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव, यशपाल सिंह, प्रमुख विनय अंचल, मृत्युंजय उर्फ बबलू तिवारी, द्विजेन्द्र मिश्र, ओमप्रकाश उर्फ लालू यादव, सुदामा सिंह, विनायक मौर्य, उमाशंकर मिश्र, गगांराम चौबे, विजयकांत सिंह, सचिन सिंह, रामेश्वर पांडेय, अमित तिवारी, वीरेश चौबे, अवध बिहारी चौबे, राज प्रताप यादव, शैलेश सिंह, जय प्रकाश यादव मुन्ना आदि ने विचार प्रकट किया। आयोजक पूर्व राज्यमंत्री तारकेश्वर मिश्र ने आभार प्रकट किया।
-
विद्यालय में दी श्रद्धांजलि
जासं, नरही : समाजवाद के पुरोधा छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की 10 वीं पुण्यतिथि कृष्णा शिक्षा निकेतन के प्रांगण में बुधवार को मनाई गई। विद्यालय परिवार के साथ ही छात्र-छात्राओं ने भी उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस मौके पर विद्यालय के प्रबंधक रविकांत उपाध्याय (लल्लू) उनके छात्र जीवन के सहयोगी रहे अभिमन्यु राय, ब्राम्हण स्वयंसेवक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर मिश्र, जिला अध्यक्ष राजेश कुमार मिश्र, ओम प्रकाश पांडेय, अरुण कुमार ओझा, गुलाब चंद उपाध्याय, मनीष दुबे, पप्पू मिश्र, अजीत राय, कृष्णानंद सिंह, कमलेश यादव आदि ने अपनी श्रद्धांजलि दी।