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कभी भी नदी में समा सकता है विद्यालय भवन

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : गंगा का जलस्तर घटने के बावजूद सुघर छपरा-केहरपुर में

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 10:05 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 10:05 PM (IST)
कभी भी नदी में समा सकता है विद्यालय भवन
कभी भी नदी में समा सकता है विद्यालय भवन

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : गंगा का जलस्तर घटने के बावजूद सुघर छपरा-केहरपुर में गंगा का कटान जारी है। बाढ़ विभाग जिला प्रशासन के निर्देश पर पेड़ की टहनियां, डाल व घासफूस डालकर कटान रोकने का असफल प्रयास कर रहा है। कटान के चलते यहां उच्च प्राथमिक विद्यालय व पानी टंकी के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है। स्थानीय लोग इस कटान को बुजबुजिया कटान बता रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सुघर छपरा-केहरपुर को बाढ़ से बचाने के लिए एक वर्ष पूर्व बाढ़ विभाग ने 24 करोड़ रुपये का प्राक्कलन बनाकर भेजा था ¨कतु शासन द्वारा धन स्वीकृत नहीं करने के कारण यहां कटानरोधी कार्य नहीं शुरू हो पा रहा है। इससे दोनों गांवों के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है। केहरपुर के दर्जनों घर गंगा में विलीन हो गए हैं जबकि सुघर छपरा भी अब गंगा के मुहाने पर है। जिलाधिकारी ने बाढ़ आने के बाद तीन बार लगातार इस क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों के असुविधाओं के संदर्भ में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उनकी मंशा कटान से उक्त दोनों गांवों को बचाने की है ¨कतु शासन की उदासीनता के कारण धन स्वीकृत नहीं हो पाया और धनाभाव के कारण यहां कटान जारी है। उच्च प्राथमिक विद्यालय सुघर छपरा से बिल्कुल सटकर गंगा बह रही है, इस विद्यालय का भवन पीलर पर खड़ा है। इस विद्यालय में बच्चों का जाना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से बंद कर देने की जरूरत है।

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--बाढ़ से बर्बाद हुई हजारों एकड़ खरीफ की फसल

गंगा व घाघरा नदी के बाढ़ से सैकड़ों एकड़ खेतों में खड़ी खरीफ की फसल बर्बाद हो चुकी है। इससे किसानों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। फसल तो डूबकर बर्बाद हुई ही, बाढ़ का पानी निकलने पर खेतों की साफ-सफाई में काफी खर्च आएगा, यह सोच-सोच कर किसान ¨चतित हैं।

सुघर छपरा, नौरंगा, चक्की नौरंगा, शिवपुर कपूर दियर, सेमरिया, गड़ेरिया, भवन टोला, रामपुर कोड़रहा, रामेश्वर टोला, चांद दियर, इब्राहिमाबद नौबरार, जगन के डेरा, टोला फतेराय, बकुल्हा, शिवाल मठिया, गोपाल नगर, मानगढ़, वशिष्ठ नगर सहित दर्जन भर गांवों के हजारों किसानों के खेतों में खड़े खरीफ के फसल बाढ़ के पानी के कारण सूख गए हैं या पानी में गिरकर सड़ गए। किसान कहते हैं कि सरकार ने एक पैकेट राहत सामग्री देकर अपने कर्तव्यों का इतिश्री कर लिया ¨कतु किसानों के समक्ष इस बाढ़ के पानी ने संकट खड़ा कर दिया है। किसानों ने जिलाधिकारी से खरीफ फसल की नुकसान पर मुआवजा की मांग की है।


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