Move to Jagran APP

फर्म को काली सूची में डालने का आदेश, ले रहे उसी से काम

सरकार भले ही बदलती रहती है लेकिन अधिकारियों के कार्य करने का तरीका नहीं बदलता। इसका उदाहरण जनपद के सिचाई विभाग में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। सिचाई विभाग से कार्य लेकर कटानरोधी कार्य कराने वाले ऐसे कई फर्म है जो जनपद में अपने कार्य को लेकर बदनाम हैं उन पर जांच भी चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 06:05 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:05 PM (IST)
फर्म को काली सूची में डालने का आदेश, ले रहे उसी से काम
फर्म को काली सूची में डालने का आदेश, ले रहे उसी से काम

जागरण संवाददाता, बलिया : सरकार भले ही बदलती रहती है लेकिन अधिकारियों के कार्य करने का तरीका नहीं बदलता। इसका उदाहरण जनपद के सिचाई विभाग में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। सिचाई विभाग से कार्य लेकर कटानरोधी कार्य कराने वाले ऐसे कई फर्म है जो जनपद में अपने कार्य को लेकर बदनाम हैं, उन पर जांच भी चल रही है। इसके बावजूद भी उन्हें ही दोबारा कटानरोधी कार्य दे दिया जा रहा है। उन्हीं फर्मों में से एक बदनाम फर्म आरपी कंट्रक्शन भी है। इस फर्म को गंडक गोरखपुर के मुख्य अभियंता ने काली सूची में डालने का आदेश भी जारी किया है, फिर भी उस फर्म से जनपदीय अधिकारी कार्य करा रहे हैं, जबकि इस फर्म ने पहले के मिले कई कार्यों विभिन्न स्थानों पर अधूरा छोड़ रखा है।

loksabha election banner

इस संबंध में कांग्रेस नेता विनोद सिंह ने लिखित शिकायत किया था। शासन के दबाव के बाद मुख्य अभियंता गंडक गोरखपुर एके सिंह विगत 2 जून को बलिया दौरे पहुंचे थे। उस दरम्यान वह ककरहट्टा की सच्चाई देख चकित हो गए। यहां से वापस जाने के बाद वह तत्काल दूसरे ही दिन 3 जून को बलिया के एसई को पत्र भेज आदेशित किए कि आरपी कंस्ट्रक्शन लखनऊ को काली सूची में डालते हुए, उसके अधूरे कार्य का टेंडर कराकर किसी अन्य फर्म से कार्य कराया जाए तथा उसका भुगतान अपूर्ण कार्य करने वाले फर्म के बीजक से किया जाए। इसके बावजूद संबंधित फर्म पर कोई कारवाई नहीं हुई। -प्रमुख सचिव को भी भेजा पत्र

दागी फर्म पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर कांग्रेस नेता ने दोबारा एक पत्र सिचाई विभाग के प्रमुख सचिव टी वेंकटेश को भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उच्च अधिकारियों के आदेश को दरकिनार कर एसई बलिया उक्त दागी फर्म को हर मोड़ पर मदद करने में जुटे हैं। मुख्य अभियंता के आदेश के बाद भी उसी फर्म से नौरंगा लगभग 8 करोड़ की लागत से कार्य कराया जा रहा है। जबकि उक्त फर्म के चलते ही दूबे छपरा में बाढ़ के दौरान हजारों की आबादी रिग बांध टूटने के बाद अचानक जलमग्न हो गई थी। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी मौके पर आना पड़ा था। कार्य रहा अधूरा, भुगतान कर दिया पूरा

फर्म आरपी कंस्ट्रक्शन लखनऊ पर उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्ष 2017-18 में घाघरा नदी के तट पर ककरहट्टा में 10 करोड़ का कटानरोधी कार्य आवंटित हुआ था, लेकिन यह कार्य आज तक अधूरा है, जबकि भुगतान हो गया है। इसी फर्म को वर्ष 2017-18 में ही दुबेछपरा में 21 करोड़ 64 लाख का कार्य आवंटित हुआ था, वह कार्य भी अधूरा ही रहा, तब तक दुबे छपरा रिग बांध बाढ़ के दौरान टूट गया और हजारों की आबादी को संकट से घिर गई। यह खमियाजा उक्त फर्म के चलते ही भुगतना पड़ा। दूबे छपरा रिग बंधा मामले में इस फर्म पर पहले से जांच भी प्रस्तावित है। फिर भी संबंधित फर्म को कार्य देकर विभाग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटा है। उनका आरोप है कि उक्त फर्म ने जनपद के विभिन्न स्थानों पर लगभग 31 करोड़ का कार्य लंबे समय से अधूरा छोड़ रखा है। -मैनेज कर दिया गया नौरंगा का टेंडर

इधर वर्ष 2019-20 में नौरंगा में कटान रोधी कार्य का टेंडर भी इस फर्म को मैनेज कर दिया गया। कांग्रेस नेता व इंटक ने इसका कड़ा विरोध भी किया, लेकिन टेंडर खुला तो इसी फर्म को चयनित किया गया। जिसके बद उन्होंने विभागीय भ्रष्टाचार पर कई तरह के सवाल उठाए हैं। -----वर्जन------

मुख्य अभियंता के आदेश के अनुपालन में आरपी कंट्रक्शन फर्म को चेतावनी दी गई है कि वह अपने कार्य में तेजी लाए। उक्त फर्म ने मौके पर मजदूर आदि बढ़ा भी दिए हैं। यदि कहीं भी कटानरोधी कार्य में लापरवाही मिलती है तो संबंधित फर्म पर हर हाल में कार्रवाई की जाएगी।

भानु प्रताप सिंह, अधीक्षण अभियंता, ड्रेनेज मंडल, बलिया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.