बच्चा चोर के अफवाहों से भिखारियों की शामत
बांसडीहरोड (बलिया) बच्चा चोरी की घटनाओं को लेकर पूरे प्रदेश में फैली अ़फवाहों की लहर इतनी तेज गति से विचरण कर रही है कि इसे लेकर जरा सी हलचल हुई तो हंगामा मचने में देर नही लग रही है।आलम ये है कि अब इस अफवाह की जद में आम आदमी से लेकर पागल और भिखारी भी आ जा रहे हैं। हालांकि पुलिस इसे लेकर काफी सक्रियता बरत रही है। लेकिन इसकी हलचल और तीव्रता इतनी ज्यादा है कि यदि थोड़ी सी लापरवाही हुई तो इसकी परिणीति माब लिचिग में तब्दील हो सकती है। इसलिए यह पूरा प्रकरण पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है।
बांसडीहरोड (बलिया) : बच्चा चोरी की घटनाओं को लेकर पूरे प्रदेश में फैली अ़फवाहों की लहर इतनी तेज गति से विचरण कर रही है कि इसे लेकर जरा सी हलचल हुई तो हंगामा मचने में देर नही लग रही है। आलम यह है कि अब इस अफवाह की जद में आम आदमी से लेकर पागल और भिखारी भी आ जा रहे हैं। हालांकि पुलिस इसे लेकर काफी सक्रियता बरत रही है। इसकी हलचल और तीव्रता इतनी ज्यादा है कि यदि थोड़ी सी लापरवाही हुई तो इसकी परिणीति माब लिचिग में तब्दील हो सकती है। इसलिए यह पूरा प्रकरण पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है।
बीते शनिवार को बांसडीहरोड बाजार में भीड़ ने एक पागल को पकड़ लिया और उसे बच्चा चोर बताकर हंगामा मचाने लगा। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग उस पागल के इर्द- गिर्द इकट्ठा होने लगे औऱ उससे पूछताछ करने लगे। इसी दौरान कुछ युवकों एक ने उसे लात घूसों से भी नवाजा और इससे पहले की जनता भी पागल के साथ पागल हो जाती सूचना पाकर पहुचीं पुलिस उसे उठाकर थाने लेती आई जहां उसके साथ पूछताछ कर पुलिस ने यह पाया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नही है।
इसी तरह कुछ दिन पूर्व शंकरपुर में एक कथित पागल को लोगों ने पकड़ कर पीटना शुरू किया तो किसी तरह गांव के कुछ लोगों ने उसे बचाया। ग्रामीणों का आरोप था कि उक्त युवक बच्चे को साथ लेकर कहीं जा रहा था। सूचना पाकर पंहुची पुलिस ने किसी तरह उसे भीड़ से निकाला और उसकी जान बचाई। दो दिन पूर्व मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर क्षेत्र के पचपेड़वा की रहने वाली एक विक्षिप्त महिला को वहां बच्चा चोर बताकर लोगों ने पकड़ लिया। जिसके बाद जीआरपी मोतिहारी ने उसे बचाकर उसके घरवालों तक पहुंचाया। इसी क्रम में क्षेत्र के डुमरी गांव के एक पागल युवक को वाराणसी (सलारपुर) के समीप एक गांव के लोगों ने बच्चा चोर बताकर इतना पीटा की वह मरणासन्न हो गया। ऐसी ही हालत में जो भी इस मामले में भीड़ के हत्थे चढ़ गया उसकी शामत निश्चित है।
इन घटनाओं ने लोगों के दिमाग में भय और भ्रम का एक ऐसा ताना बाना बुन दिया है कि लोग किसी भी अपरिचित व संदिग्ध जैसे दिखने वाले को बच्चा चोर समझ बैठ रहे हैं। यदि ऐसे में कोई निर्दोष भी भीड़ के हत्थे चढ़ गया। बस यही बात पुलिस को काफी परेशान कर रही है । हालांकि पुलिस पूरे प्रकरण में अपने स्तर से आम जनता को यह समझाने का प्रयास कर रही है लेकिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर सशंकित अभिवावकों के दिल में एक डर हमेशा बना हुआ है।