पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बदलेगी बलिया की तकदीर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया तक आने की घोषणा करने के बाद जिले के लोग खुश हैं। इससे उनकी एक नहीं कई तरह की मुराद पूरी होने वाली है। इसका इंतजार लोग लंबे समय से कर रहे थे। इस एक्सप्रेस-वे से अब लखनऊ, गा•ाीपुर, बलिया, अमेठी, आजमगढ़, फैजाबाद, बाराबंकी, मऊ अम्बेडकरनगर और सुल्तानपुर सहित कुल 10 जिले जुड़ रहे है।
जागरण संवाददाता, बलिया : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया तक लाने की घोषणा कर समाज के हर वर्ग को खुश कर दिया। इस कारगर कदम से जनता की एक नहीं कई तरह की मुराद पूरी होने वाली है। आम जनमानस इस घोषणा का इंतजार लंबे समय से कर रहे थे। इस एक्सप्रेस-वे से अब लखनऊ, गाजीपुर, बलिया, अमेठी, आजमगढ़, फैजाबाद, बाराबंकी, मऊ अंबेडकरनगर और सुल्तानपुर सहित कुल 10 जिले जुड़ रहे हैं। इससे उन किसानों को भी फायदा हो होगा जिनकी जमीन इस एक्सप्रेस-वे में पड़ेगी। सरकार के अनुसार एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर 500 मीटर पर वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होगी, वहीं इसमें 120 पुल भी बनने हैं। देश के सबसे बड़े पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जिले के लोगों को व्यापार के लिए राह आसान होंगे, वहीं लंबी दूरी की यात्रा भी कम समय में हो सकेगी।
बलिया के चलते बिहार को भी मिलेगा लाभ
बलिया के कई स्थान बिहार की सीमा से सटे हैं। बैरिया में मांझी घाट तक यूपी की सीमा है। वहीं बलिया से आरा को जोड़ने के लिए जनेश्वर मिश्र सेतु का निर्माण भी अंतिम चरण में हैं। जब यह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बन जाएगा तो बिहार के लोग भी बलिया पहुंच कर इस एक्सप्रेस-वे से कम समय में लंबी दूरी तय कर सकेंगे। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह एक्सप्रेस-बलिया में कहां तक आएगा। यह सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद तय होना है।
औद्योगिक विकास की बढ़ेगी संभावना
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जिले में औद्योगिक विकास की भी संभावना बढ़ेगी। अभी तक मार्ग के अभाव में ही बलिया बड़े महानगरों से नहीं जुड़ा है जबकि यहां कई तरह के औद्योगिक विकास की संभावना है। यहां औद्योगिक विकास न होने के चलते ही जनपद से हजारों युवक बाहर जाकर नौकरी करते हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होने के बाद संभव है बड़ी कंपनियां भी यहां अपना ब्रांच स्थापित कर जनपद के युवाओं को रोजगार मुहैया करा सकती हैं। जनपद में अधिकांश कृषि योग्य जमीन है। किसान उस जमीन पर उत्पादन तो अच्छा करते हैं लेकिन उन्हें उसकी बिक्री के लिए बाजार नहीं मिल पाता। एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद किसान भी दूर के शहरों में अपना उत्पाद बिक्री कर सकेंगे।