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कटानरोधी कार्य फिर रहेगा अधूरा, संकट में तटवर्ती लोग

गंगा और सरयू के तट पर बसे लागों को सुरक्षित करने के लिए शासन से जनपद में कई स्थानों पर कटानरोधी कार्य कराने के लिए भारी धन जारी किया लेकिन कहीं भी कटानरोधी कार्य निर्धारित समय पर पूरा होते नहीं दिख रहा है। इधर बारिश संग नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। कटानरोधी कार्यो को 15 जुलाई तक हर हाले में पूरा करना था लेकिन विभागीय सुस्ती के कारण कार्य कहीं भी पूरा नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 05:49 PM (IST)
कटानरोधी कार्य फिर रहेगा अधूरा, संकट में तटवर्ती लोग
कटानरोधी कार्य फिर रहेगा अधूरा, संकट में तटवर्ती लोग

जागरण संवाददाता, बलिया : गंगा और सरयू के तट पर बसे लोगों को सुरक्षित करने के लिए शासन से जनपद में कई स्थानों पर कटानरोधी कार्य कराने के लिए भारी धन जारी किया, लेकिन कहीं भी कटानरोधी कार्य निर्धारित समय पर पूरा होते नहीं दिख रहा है। इधर बारिश संग नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। कटानरोधी कार्यो को 15 जुलाई तक हर हाल में पूरा करना था लेकिन विभागीय सुस्ती के कारण कार्य कहीं भी पूरा नहीं हो पाया है।

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शुक्रवार को केंद्रीय जल आयोग गायघाट केंद्र पर दिन में दो बजे गंगा का जलस्तर 53.13 मीटर दर्ज किया गया। गंगा प्रति घंटा दो सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर है। ऐसे में जयप्रकाशनगर, दूबे छपरा, गंगापुर, केहरपुर, नौरंगा आदि स्थानों पर कटानरोधी कार्य भी प्रभावित हो चला है। इसे देख तटवर्ती लोग भी आक्रोशित हो चले हैं।

-सिचाई मंत्री के आगमन की बात पर आई थी तेजी

विगत दिनों सिचाई मंत्री उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम लगने की खबर आई थी तो कार्य में कुछ तेजी आई थी लेकिन जैसे ही पता चला का उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया तो फिर सभी ठेकेदार और अधिकारी बारिश का हवाला देकर कार्य बंद कर दिए। दुबे छपरा में विभाग की लापरवाही से ही पिछले वर्ष करोड़ों खर्च के बाद भी रिग बंधा टूट गया और हजारों की आबादी को संकट के दौर से गुजरना पड़ा था।

गंगापुर में एनएच और गांव दोनों पर बढ़ रहा खतरा

जासं, मझौवां (बलिया): एक तरफ गंगा का जलस्तर धीमी गति से बढ़ाव की ओर अग्रसर है, वहीं दूसरी तरफ बरसात के कारण गंगापुर में हो रहे 200 मीटर व 250 मीटर कटानरोधी कार्य समय से पूर्ण होने की आशा अब धूमिल होने लगी है। गंगा के तटवर्ती गांव बनिया टोला, सोनार टोला के लोग दहशत में है। वहीं पार्कोपाइन विधि से हुए दुबेछपरा, उदईछपरा, गोपालपुर के कार्यों पर भी भविष्य में बाढ़ व कटान को लेकर संशय बना हुआ है। लगभग 29 करोड़ रुपये की लागत से हुए कटानरोधी कार्य हमारी सुरक्षा नहीं कर सका तो यह कटानरोधी कार्य हमारी कितनी सुरक्षा कर पाएंगे। दोनों कटानरोधी कार्य के बीच 200 मीटर पर कोई कार्य नहीं होने के कारण लोगों की आशंका बनी हुई है कि अगर वहां कटान का दबाव हुआ तो कटानरोधी कार्य सहित गांव व एनएच 31 के लिए भी खतरा बन सकता है। वहीं गंगा की धारा मोड़ने के लिए हो रहे ड्रेजिग कार्य बरसात के कारण प्रभावित होने लगा है। ----वर्जन-----

बरसात को लेकर कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके बावजूद सर्वत्र मजदूर और ठेकेदार डटे हुए हैं। 15 जुलाई तक हम हर जगह सुरक्षित लेवल तक कटानरोधी कार्य हर हाल में पूरा कर लेंगे। जयप्रकाशनगर के नए रिग बांध का कार्य अब बाढ़ खत्म होने के बाद ही हो पाएगा।

भानू प्रताप सिंह,

अधीक्षण अभियंता, ड्रेनेज मंडल, बलिया


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