गायत्री मंत्र की साधना से ही सर्वांगीण विकास : डॉ. पांड्या
महावीर घाट स्थित गायत्री शक्ति पीठ पर चल रहे 10
जागरण संवाददाता, बलिया : गायत्री मंत्र से ही मनुष्य के प्राणों की रक्षा होती है। व्यक्ति को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है गायत्री मंत्र। यह मंत्र अन्तत: उद्धार का मार्ग प्रशस्त करता है। व्यक्ति के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करता है गायत्री मंत्र। ये विचार हैं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या के।
महावीर घाट स्थित गायत्री शक्ति पीठ पर चल रहे 108 कुण्डीय महायज्ञ में पधारे डॉ. पण्ड्या ने कहा कि आज हमारा समाज जातिवाद के मकड़जाल में इतना उलझा है कि सबकुछ तहस- नहस हो रहा है। इसे मिटाना होगा। भारतीय संस्कृति कभी जातिवाद की पोषक नहीं रही। गायत्री मंत्र की साधना से समाज से बुराइयों को मिटाया जा सकता है। गायत्री मंत्र से ही हमारा सर्वांगीण विकास एवं विश्व का कल्याण हो सकता है। महर्षि भृगु व परशुराम की महिमा का गुणगान करते हुए जनपदवासियों से गायत्री मंत्र की साधना कर समाज में एकरूपता, समरसता, समानता, सहृदयता, स्वच्छता एवं सहयोग की भावना विकसित करने को कहा। इस मौके पर विजेंद्र चौबे, साकेत ¨सह, डा. विनोद ¨सह आदि मौजूद थे।
गायत्री महायज्ञ के अंतिम दिन सोमवार को मंदिर परिसर में भक्तों की काफी गहमा-गहमी रही। वेद माता गायत्री के अलावा अन्य देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम वैदिक मंत्रोचार के बीच सम्पन्न हुआ। हजारों भक्त घंटों चले इस प्रतिष्ठात्मक यज्ञ का गवाह बने। इस दौरान मौजूद रहे लोगों ने अपनी सहभागिता देकर अपने को धन्य किया। इसके बाद मंदिर प्रांगण में हवन का कार्य शुरु किया गया। इसमें आहुति देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। इस मौके पर प्रो. गणेश पाठक, साकेत ¨सह सोनू, संध्या ¨सह, डा. विनोद ¨सह, डा. आशु ¨सह आदि मौजूद थे।