सेनानी ट्रेन में स्कोर्ट कर रहे सिपाहियों ने रचा सारा प्रपंच
जागरण संवाददाता, बांसडीहरोड (बलिया) : ट्रेन में विस्फोटक भरी अटैची के मामले के हड़कंप के बाद शनिवार को अटैची मालिक मोहम्मद निवासी सीतामढ़ी, बिहार बांसडीहरोड थाने पंहुचा तो इस मामले की सारी कलई खुल गई। आखिरकार कैसे एक साधारण मामले को जीआरपी के स्कोर्ट ने सनसनीखेज बना दिया, जबकि मामला कुछ और ही था। मोहम्मद से बलिया जीआरपी-आरपीएफ व बांसडीहरोड पुलिस ने पूछताछ की। इसके बाद वह अपना सामान लेकर चला गया। सेनानी सुपरफास्ट में विस्फोटक की सूचना से 13 अक्टूबर की रात प्रसाशनिक अमले में खलबली मच गई थी।
जागरण संवाददाता, बांसडीहरोड (बलिया) : ट्रेन में विस्फोटक भरी अटैची के मामले के हड़कंप के बाद शनिवार को अटैची मालिक मोहम्मद निवासी सीतामढ़ी, बिहार बांसडीहरोड थाने पंहुचा तो इस मामले की सारी कलई खुल गई। आखिरकार कैसे एक साधारण मामले को जीआरपी के स्कोर्ट ने सनसनीखेज बना दिया जबकि मामला कुछ और ही था। मोहम्मद से बलिया जीआरपी-आरपीएफ व बांसडीहरोड पुलिस ने पूछताछ की। इसके बाद वह अपना सामान लेकर चला गया। सेनानी सुपरफास्ट में विस्फोटक की सूचना से 13 अक्टूबर की रात प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई थी। बलिया से सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन के बीच सारी रात स्थानीय पुलिस, जीआरपी व आरपीएफ की संयुक्त टीम रेल की पटरियों पर बेतहाशा दौड़ती रही। आलम यह था कि बांसडीहरोड एसओ करुणेश ¨सह बांसडीहरोड स्टेशन से हमराहियों संग रेल की पटरी पर चलकर सहतवार तक पैदल पहुंच गए। कुछ इसी हाल मे बांसडीह कोतवाल सहतवार से रेवती पैदल चले गए, लेकिन जिस विस्फोटक भरी अटैची की सबको तलाश थी वह नहीं मिली। इसके बाद रविवार की सुबह से ही बांसडीहरोड पुलिस अज्ञात विस्फोटक से भरी अटैची की तलाश में जुट गई। एसआई अजय यादव के नेतृत्व मे पांच सिपाही व दस होमगार्ड का दस्ता रेल लाइन के किनारे किनारे बांसडीहरोड से बलिया की तरफ खोजबीन मे जुटा। इसके बाद काफी खोजबीन के बाद मझौली व पिपरपाती के बीच रेल लाइन के किनारे उक्त कथित विस्फोटक वाली अटैची मिल गई। मऊ से बम स्क्वायड को बुलाया गया। अटैची में एक सऊदी रियाल व पासपोर्ट निकला। वहीं बीप बीप की आवाज की शिकायत के अनुसार ऐसा कोई उपकरण अथवा मोबाइल अटैची में नहीं मिला। खुद की पीठ थपथपाने का चक्कर
सेनानी में स्कोर्ट कर रहे छपरा जीआरपी के सिपाहियों ने बांसडीहरोड स्टेशन से बलिया की तरफ आगे जाकर अटैची फेंकने के बावजूद इसे लेकर ऐसा सस्पेंस बनाया कि सुरेमनपुर से लेकर बलिया तक रेल पटरी के किनारे तलाश की जाने लगी। जबकि अगले दिन उसी स्कोर्ट के सिपाहियों ने बांसडीहरोड पुलिस को वास्तविक लोकेशन बता दी। मामले में इनके द्वारा खुद को शाबासी दिलाने के लिए लगातार अधिकारियों को गुमराह कर भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित किया गया।