नवजात संग प्रसूता आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
जिला महिला अस्पताल में मंगलवार की सुबह रेवती निवासी एक प्रसूता में कोरोना लक्षण मिलने से कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। अस्पताल प्रशासन ने तत्काल इसकी जानकारी जिला अस्पताल के सीएमएस को दी और जांच कराने की मांग की।
जागरण संवाददाता बलिया : जिला महिला अस्पताल में मंगलवार की सुबह रेवती निवासी एक प्रसूता में कोरोना लक्षण मिलने से कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। अस्पताल प्रशासन ने तत्काल इसकी जानकारी जिला अस्पताल के सीएमएस को दी और जांच कराने की मांग की। मौके पर पहुंची टीम ने महिला व नवजात को सैम्पलिग कराने के लिए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया है।
जनपद के कोरोना हाटस्पॉट में शामिल रेवती कस्बा के वार्ड संख्या 13 निवासी एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए। गर्भवती को खून की कमी होने से चिकित्सकों ने महिला को जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद उसमें सर्दी व जुकाम के लक्षण मिले। जिससे वहां मौजूद कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया और सभी इमरजेंसी छोड़ बाहर निकल गई।
इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पूर्व सीएमएस सुमिता सिन्हा ने इसकी जानकारी जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीपी सिंह को दी और कोरोना जांच कराने की मांग की। सूचना के बाद अस्पताल प्रशासन प्रसूता व नवजात को जिला अस्पताल भेज दिया। डा. बीपी सिंह ने बताया कि सैम्पलिग के लिए जच्चा-बच्चा को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है और इसकी सूचना महामारी रोग प्रभारी जियाउल हुदा को दे दी गई है। वहीं परिजन बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर काफी चितित है।
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प्रसूता की रिपोर्ट आने तक बरतें सतर्कता
प्रसूता में कोरोना के लक्षण मिलने व रेवती के हाटस्पाट क्षेत्र से संबंधित होने से अस्पताल कर्मचारियों की शंका बढ़ गई है और इनके हाथ-पांव फूलने लगे। कर्मचारियों का कहना था कि महिला कोरोना संदिग्ध है। इस लिए उन्हें अस्पताल में ही क्वारंटाइन होना होगा। क्योंकि घर जाने पर परिजनों के भी संक्रमित होने का खतरा रहेगा। वहीं महिला की देखरेख में लगी कर्मचारियों को अस्पताल में क्वारंटाइन कराया जाएगा या घर पर इसका फैसला नहीं हो सका था। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता की रिर्पोट आने तक कर्मचारियों को सर्तकर्ता बरतने का निर्देश दिया है।