दायित्वों का सही निर्वाह करने वाला ही है कुशल शिक्षक
जागरण संवाददाता, बलिया : शिक्षक का उद्देश्य केवल अपने विद्यार्थियों को सफल और खुश देखना होता
जागरण संवाददाता, बलिया : शिक्षक का उद्देश्य केवल अपने विद्यार्थियों को सफल और खुश देखना होता है। शिक्षक समाज में बहुत प्रतिष्ठित लोग होते हैं जो अपनी शिक्षा के जादू के माध्यम से आम लोगों की जीवनशैली और दिमागी स्तर को बढ़ाने की जिम्मेदारी लेते हैं। शिक्षक भगवान द्वारा दिया गया एक सुंदर उपहार स्वरुप है। जिस तरह भगवान पूरे संसार के निर्माता हैं, उसी तरह शिक्षक भी अच्छे समाज और राष्ट्र के निर्माता होते हैं। एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक ऐसा महत्वपूर्ण प्राणी होता है जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देख-भाल से अपने शिष्यों के पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है। शिक्षक से बच्चों के लिए माता-पिता को भी बहुत सी उम्मीदें होती है। आज के परिवेश में शिक्षा जगत में बहुत सी कमियां आई हैं। गैर जिम्मेदार चंद शिक्षकों के चलते आज शिक्षक समाज पर भी कहीं न कहीं से उंगली उठ रही है। कुछ तरह के ¨बदुओं को आधार मान नगर के चु¨नदा प्राचार्यों से बात करने पर उनके अंदर से कुछ इस तरह के विचार सामने आए। ज्ञान और स्मृद्धि के स्त्रोत हैं शिक्षक
एक शिक्षक ज्ञान, स्मृद्धि और प्रकाश का बड़ा स्त्रोत होता है जिससे जीवन भर के लिए लाभ प्राप्त किया जा सकता है। हर शिक्षक अपने विद्यार्थी को उनका रास्ता चुनने में मदद करते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक शिक्षक ही होता है जो अपने विद्यार्थी को बड़ों का आदर और सम्मान करना सिखाता है। आज के परिवेश में नकल के दम पर पास होकर शिक्षक बने कुछ लोगों के चलते शिक्षक समाज पर भी उंगली उठ रही है। शिक्षक बिजली के पावर हाउस के समान है, जहां से गलत सप्लाई जाने पर सारे बल्ब फ्यूज हो सकते हैं। उसी तरह शिक्षक को भी सदैव बच्चों को उचित राह और उचित ज्ञान ही देना चाहिए।
डा. गणेश पाठक, प्राचार्य, अमरनाथ मिश्र पीजी कालेज, दूबे छपरा --शिक्षक ही स्थापित करते हैं अच्छा माहौल
आज के परिवेश में शिक्षक का पद कांटों भरा ताज से कम नहीं है। एक शिक्षक को सबको संतुष्ट करना होता है। छात्रों से लेकर आम अभिभावकों तक। वह शिक्षक ही है जो माहौल को अच्छा बनाने में अपनी भूमिका निभाते हैं। पठन-पाठन के माहौल के लिए भी आज जरूरी है कि छात्र-छात्राएं भी कुछ अच्छा पहल करें। अनुभवी शिक्षकों के रहते हुए भी आज शैक्षिक माहौल पहले के मुताबिक नहीं हो पा रहा है। इसके लिए किसी एक को दोषी भी नहीं कहा जा सकता।
सुधा पांडेय, प्रधानाचार्य, ज्ञानकुंज एकेडमी --शिक्षक ही बताते है अच्छे-बुरे में फर्क
एक शिक्षक बिना किसी स्वार्थ के छात्रों को सफलता का रास्ता दिखाता है। शिक्षक एक अच्छे व्यवहार और नैतिकता के व्यक्ति के लिए बहुत अच्छी तरह से विद्यार्थी को शिक्षित करते हैं। शिक्षक विद्यार्थी को अकादमिक रूप से बेहतरीन बनाते हैं और जीवन में हमेशा अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
एक शिक्षक कभी भी अपने अच्छे और बुरे विद्यार्थियों में भेदभाव नहीं करते। उसके लिए सभी विद्यार्थी एक समान होते हैं। महान शिक्षक की श्रेणी में वही आता है जो अपने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ अच्छे-बुरे में फर्क भी बताता है।
पीसी श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य, देवस्थली विद्यापीठ --अच्छा शिक्षक बनने को जरूरी है परिश्रम
एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। हमेशा अपने से बड़ों का आदर करना, उनकी हर बात मानना। माता-पिता की आज्ञा का पालन करना, शिक्षक द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को ग्रहण करना आदि। एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए ह्रदय में एकता का भाव होना चाहिए। किसी भी व्यक्ति से भेदभाव नहीं करना चाहिए। स्कूल कालेज के अंदर ही नहीं बाहर भी एक महती भूमिका निभानी होती है।
पुष्पांजलि ¨सह, प्रधानाचार्या, होली एंजल स्कूल, जलालपुर।