तहसीलदार के न्यायालय में 734 मामले लंबित, वादकारी संकट में
तहसीलदार के न्यायालय में 734 मामले लंबित वादकारी संकट में
जासं, बैरिया (बलिया) : स्थानीय तहसील के तहसीलदार न्यायालय में मुकदमों के अंबार के चलते वादकारी परेशान हैं। वहीं निस्तारण के प्रति संबंधित अधिकारी गंभीर नहीं है। हालांकि अधिवक्ताओं द्वारा बार-बार होने वाले कार्य बहिष्कार व अन्य कानूनी पेच भी इसके मुख्य कारण हैं। तहसीलदार न्यायालय में 734 मामले काफी दिनों से विचाराधीन है। इनमें 153 मामले राजस्व पत्रावलियों में नाम संशोधन व 347 मामले स्वामित्व परिवर्तन का है। यह मामले कुल तीन से चार तारीख में निस्तारित हो जाने चाहिए क्योंकि ये छोटे मामले हैं। इसके बावजूद सभी मामले वर्षों से लंबित पड़े हैं। इससे वादकारी शोषण के शिकार हो रहे हैं।
यह कहावत कि देर से मिला न्याय अन्याय के बराबर होता है, बैरिया में पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। जमीन के मामले में तो इतनी देरी हो रही है कि शायद प्रदेश में यह अपने आप में रिकार्ड है। वादकारियों को न्याय कैसे मिले, यह यक्ष प्रश्न है। शासन व न्यायपालिका ने लोक अदालत, विधिक साक्षरता का आयोजन करके यह इच्छा शक्ति दिखाया है कि छोटे-छोटे मामले जल्द निस्तारित कर दिया जाएं, लेकिन बैरिया का तहसीलदार का न्यायालय अपवाद बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान अपेक्षित करते हुए आग्रह किया है कि छोटे मामले, जिसमें कानूनी पेच न हो, उसे तत्काल निस्तारण करने के लिए उचित दिशा निर्देश जारी किया जाए।