दो स्पेशल ट्रेनों से आंध्रप्रदेश व गुजरात से आए 2550 श्रमिक
बाहरी राज्यों से प्रदेश के कामगारों को लाने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में रविवार को दो ट्रेने दो अलग-अलग स्थानों से यहां पहुंची। वहली ट्रेन सुबह करीब 6.30 बजे आंध्रप्रदेश से 1350 श्रमिकों को लेकर आई। वहीं दूसरी ट्रेन करीब चार बजे यहां पहुंची जो गुजरात प्रांत के राजकोट से चली थी।
जागरण संवाददाता, बलिया : बाहरी राज्यों से प्रदेश के कामगारों को लाने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में रविवार को दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन दो अलग-अलग स्थानों से यहां पहुंची। पहली ट्रेन सुबह करीब 6.30 बजे आंध्रप्रदेश से 1350 श्रमिकों को लेकर आई। वहीं दूसरी ट्रेन करीब चार बजे यहां पहुंची जो गुजरात प्रांत के राजकोट से चली थी। उक्त दोनों ट्रेनों में लखीमपुरखीरी, पीलीभीत, प्रयागराज, गोंडा, वाराणसी, चंदौली, बहराइच, श्रावस्ती, हरदोई, कुशीनगर, बांदा, महोबा, बाराबंकी, लखनऊ, देवरिया, गाजीपुर व बलिया समेत पूर्वांचल व पश्चिमांचल के दर्जनों जनपदों के कामगार शामिल थे।
रेलवे स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान रखते हुए यात्रियों को उतारा गया है और उनकी थर्मल स्क्रीनिग की गई। उसके बाद तीन हफ्ते होम क्वारंटाइन की सलाह देकर घर भेज दिया गया। कामगारों को भेजने के लिए यूपी परिवहन निगम की बसों की व्यवस्था की गई थी। वहीं रेलवे स्टेशन पर ही जिला प्रशासन ने कामगारों को नाश्ता व पानी मुहैया कराया।
आंध्रप्रदेश से यहां पहुंचे श्रमिकों ने एक बार फिर व्यवस्था की पोल खोल दी। बताया कि काम बंद होने से पैसा खत्म हो गया था। सरकार द्वारा घर भेजने के फरमान के बाद ठेकेदार ने सभी से दो दिन काम कराया जिसकी मजदूरी एक हजार रुपये बनती है लेकिन मजदूरी भुगतान करने की बजाय 785 रुपये का टिकट ही उपलब्ध कराया गया। जबकि कुछ मजदूरों ने बताया कि मालिकों ने घर भेजने के नाम पर एक हजार रुपये वसूले जबकि टिकट का मूल्य 785 है। इस दौरान यात्रियों ने सफर के दौरान मिलने वाली सुविधाओं को भी प्रमुखता से गिनाया।
गुजरात से 1200 श्रमिकों को लेकर दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन दिन में करीब चार बजे मॉडल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर रुकी। जहां सभी आगंतुकों का थर्मल स्क्रीनिग किया गया व लंच पैकेट मुहैया कराया गया। इसके बाद सभी को होम क्वारंटाइन का प्रमाण पत्र देकर रोडवेज बसों से घर भेज दिया गया। यहां से आये यात्रियों ने किराया न लगने की बात बताई। कहा कि सरकार की पहल पर हम सभी की घर वापसी हुई है। वहीं यात्रा के दौरान मिलने वाली सुविधाओं से प्रसन्न कामगारों ने केन्द्र व प्रदेश सरकार की जमकर तारीफ की।
इसके पूर्व स्टेशन पर दोनों श्रमिक स्पेशल की बोगियों को जिला व रेलवे के अधिकारियों की निगरानी में खोला गया। सुरक्षा के बीच सभी श्रमिकों को धीरे-धीरे बोगी से बाहर निकाला गया। वहीं प्लेटफार्म पर मौजूद स्वास्थ्य व बेसिक शिक्षा विभाग की टीम ने इनकी थर्मल स्क्रीनिग की और होम क्वारंटाइन की पर्ची देकर घर भेज दिया। मौके पर डीएम एचपी शाही, एसपी देवेंद्र नाथ, एसडीएम अश्वनी कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने बताया कि आंध्रप्रदेश से आए श्रमिकों में कोई संदिग्ध नहीं मिला है।
शारीरिक दूरी की निकली हवा
रविवार की सुबह श्रमिक स्पेशल से बलिया पहुंचे यात्रियों ने शारीरिक दूरी की जमकर धज्जियां उड़ाई। स्टेशन पर यात्रियों को उतारने के दौरान जो व्यवस्था नजर आई थी वह बसों में बैठने के दौरान दूर-दूर तक नजर नहीं आई। बस में चढ़ने को लेकर काफी आपाधापी की स्थिति देखने को मिली। चालकों को मिली बासी घुघनी
वैसे तो जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों व बस चालाकों को खाने-पीने की बेहतीन व्यवस्था का दावा कर रहा है लेकिन रविवार को जो कुछ देखने को मिला वह चौकाने वाला था। सुबह नाश्ता के वक्त बस चालकों व यात्रियों को घुघनी उपलब्ध कराई गई थी। लोगों ने जब मुंह में डाला तो वह पूरी तरह खराब हो चुकी थी।
आज भी आएंगी दो ट्रेनें
गैर प्रांत से लोगों की वापसी के क्रम में सोमवार को भी दो ट्रेनें जनपद पहुंचेगी। उक्त दोनों गाडियां राजकोट से ही आ रही हैं। इन दोनों ट्रेनों से करीब तीन हजार कामगारों के आने का अनुमान है। इसके लिए जिला प्रशासन पुरी तैयारी में जुटा है।