230 बच्चों का पठन-पाठन मात्र तीन अध्यापकों के जिम्मे
जासं, सिंहाचवर (बलिया) : शिक्षा व्यवस्था सुधारने के तमाम दावे किए जा रहे हैं जबकि हकीकत ठीक इसके विप
जासं, सिंहाचवर (बलिया) : शिक्षा व्यवस्था सुधारने के तमाम दावे किए जा रहे हैं जबकि हकीकत ठीक इसके विपरीत है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण शिक्षा क्षेत्र गड़वार का सिंहाचवर कला प्राथमिक विद्यालय है, जहां मात्र तीन अध्यापक ही 230 बच्चों की शिक्षा का बागडोर संभाले हैं। ऐसे में शिक्षा का स्तर कितना बेहतर होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बात सिर्फ एक प्राथमिक विद्यालय की नहीं है अधिकांश प्रावि की यही स्थिति है।
दुर्व्यवस्था का आलम यह है कि कहीं बच्चों के सापेक्ष अध्यापक नहीं हैं तो कहीं अध्यापकों के सापेक्ष बच्चे नहीं हैं। इस बात की जानकारी अधिकारियों को भी है लेकिन पता नहीं क्यों इस अन्तर की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। प्रबुद्ध जनों की मानें तो जब तक सरकारी विद्यालयों में अध्यापकों की कमी दूर कर पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जाता, कुछ होने वाला नहीं है। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी गड़वार सुनील पटेल से बात करने पर बताया कि यह सब मामला शासन स्तर का है अभी तीन साल से स्थानांतरण प्रक्रिया बंद है। जब तक चालू नहीं होती कुछ नहीं हो सकता। वैसे वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है ।