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160 कोटेदारों का सामूहिक त्यागपत्र

जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) उपजिलाधिकारी की बातों से क्षुब्ध बैरिया मुरलीछपरा व र

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 07:24 PM (IST)
160 कोटेदारों का सामूहिक त्यागपत्र
160 कोटेदारों का सामूहिक त्यागपत्र

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : उपजिलाधिकारी की बातों से क्षुब्ध बैरिया, मुरलीछपरा व रेवती आंशिक के 160 कोटेदारों ने सामूहिक रूप से त्यागपत्र दे दिया जिससे हड़कंप मच गया।

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सोमवार को कोटेदारों की बैठक में उपजिलाधिकारी सुरेश कुमार पाल ने उन्हें चेताते हुए कहा कि रोज-रोज जनता की शिकायतें आ रही हैं कि आप लोग अधिक पैसा ले रहे हैं और निर्धारित मात्रा से कम राशन दे रहे हैं। अगर इस बाबत अब किसी की भी शिकायत आयी तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस पर कोटेदारों ने कहा कि साहब पंचायत का चुनाव नजदीक है राजनीतिक कारणों से फर्जी शिकायत आ रही है। वहीं मार्केटिग गोदाम से ही हम लोगों का शोषण चालू हो जा रहा है। 70 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से रिश्वत देने के लिए हम लोगों को मजबूर किया जाता है। प्रति बोरी (50 किलो का पैकेट) में ढाई से तीन किलोग्राम राशन कम दिया जाता है।

कोटेदारों ने कहा कि खाली बोरियों का वजन नहीं घटाया जाता है। प्रतिवाद करने पर मार्केटिग इंस्पेक्टर दुकान निलंबित करवा देने की धमकी देते हैं। इस संदर्भ में कई बार आप से शिकायत की गई कितु कोई कार्रवाई नहीं हुई। जितना कमीशन मिलता है उससे अधिक पालदारी देनी पड़ती है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत यहां होम डिलीवरी की व्यवस्था भी लागू नहीं है। एसडीएम ने कहा कि परता पड़ता है तो आप लोग कोटेदारी करिए अन्यथा त्यागपत्र दे दीजिए। इससे क्षुब्ध होकर 160 कोटेदारों ने त्याग पत्र दे दिया। जिस समय कोटेदार त्यागपत्र लिख रहे थे उसी समय एसडीएम बैठक से उठकर कहीं चले गए।

कोटेदारों ने कार्यालय में मौजूद तहसीलदार शिवसागर दुबे को त्यागपत्र सौंप दिया। शिवनाथ सिंह संरक्षक जिला कोटेदार संघ, रामजी तिवारी तहसील अध्यक्ष, योगेन्द्र सिंह चांदपुर, दुर्गेश्वर तिवारी बैरिया, अनिल पांण्डेय दयाछपरा, ललिता पांण्डेय, दयाछपरा, शिवमंगल सिंह, टोला बाजराय, उमेश यादव हेमन्तपुर सहित 160 कोटेदारों के सामूहिक रूप से त्यागपत्र देने से हड़कंप मच गया। इस बाबत पूछने पर तहसीलदार शिवसागर दुबे ने बताया कि अगर कोटेदारों की शिकायत जायज है तो उसे दूर किया जाएगा, अगर कोटेदारों ने दबाव बनाने के लिए ऐसा किया है तो उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया जाएगा।


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