युवा महोत्सव में झलकी लोक संस्कृति की छटा
संसू बहराइच किसान पीजी कॉलेज के युवा महोत्सव में संगीत व रंगमंच के साहित्यक सफर का बुधवार को आगाज हुआ। परंपरागत तरीके से आंगुतकों को मंच पर स्वागत किया गया। चटक धूप के बीच पंडाल में बेहिसाब श्रोताओं में सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर आतुरता बढ़ती दिखी।
बहराइच : किसान पीजी कॉलेज के युवा महोत्सव में संगीत व रंगमंच के साहित्यिक सफर का बुधवार को आगाज हुआ। परंपरागत तरीके से आगंतुकों का मंच पर स्वागत किया गया। वसंती बयार के बीच पंडाल में श्रोताओं में सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर आतुरता दिखी। समय बढ़ने के साथ ही युवा महोत्सव शिखर की ओर तो छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति ने लोक संस्कृति की छटा को बिखेर कर खूब तालियां बटोरी। मार्मिक गीतों पर कुछ क्षण के लिए श्रोता भावुक हुए तो हास्य कविता पर खूब ठहाके भी लगे। अंतिम पड़ाव में प्रबुद्ध वर्ग के लेागों ने आत्मीयता को प्रकट कर छात्र-छात्राओं को सफलता के आयामों की सीख दी।
युवा महोत्सव के मुख्य अतिथि कॉलेज प्रबंध सचिव मेजर डॉ. एसपी सिंह रहे। छात्राओं के समूह ने मां सरस्वती का अभिवादन किया तो प्राचार्य डॉ. एसएसी त्रिपाठी व उप प्राचार्य डॉ. मुहम्मद उस्मान ने आगंतुकों को माला पहनाकर व स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया। अतिथियों के मंच साझा करने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ। पहले पहर में छात्रा आयुषी के जलवा, वैशाली त्रिपाठी, शालिनी के रसीले दोऊ नैना.. व पल्लवी के चैत के महिनवा की गीत पर श्रोता झूमते रहे। सलमानी के हास्य नृत्य टुकुर-टुकुर पर खूब ठहाके लगे। छात्रा अभिलाषा, सुगंधा, सिम्मी के बता मेरे यार सुदामा रे.. की प्रस्तुति ने सभी को आत्म-विभोर कर दिया। अनेकता में एकता लघु नाटिका में संस्कृति की झलक दिखी तो भर दो झोली कव्वाली ने समां बांधा। गीत, संगीत व विभिन्न विषयों पर प्रस्तुत किए गए नाटकों ने दूसरे पहर को और बेहतर बना दिया। मेजर डॉ. सिंह ने कहा कि हर छात्र में काबिलियत होती है। जरूरी नहीं कि पढ़ने में अच्छा छात्र ही भविष्य में सफल हो। प्राचार्य ने कहा कि युवा महोत्सव कॉलेज की परंपरा है। इस परंपरा के निर्वहन को लेकर शिक्षक व छात्र दोनों ²ढ़ संकल्पित हैं। केपी सिंह, सीएमएस डॉ. डीके सिंह, डिप्टी जेलर शरेंदु त्रिपाठी, राहुल कुमार, चीफ प्राक्टर आशुतोष शुक्ला, हरिदेव सिंह, डॉ. अर्चना, डॉ. रश्मि मिश्रा, सरोज सिंह व अन्य मौजूद रहीं।
माई का दुधवा मिठाई से भी मिठवा.
नृत्य व संगीत के बीच छात्र प्रशांत शुक्ला के माई के दुधवा मिठाई से भी मिठवा.. गीत ने पंडाल में बैठे श्रोताओं की आंखों को नम कर दिया है। महिला श्रोताओं के आंखों से आंसू निकले तो गीत समाप्त होते ही तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गूंज उठा।
लोकगीत व विदाई गीत पर छलके नयन : युवा महोत्सव में अरपा पैरी की धारा छत्तीसगढ़ी लोकगीत की प्रस्तुति शानदार रही तो अंत में छात्रा कात्यानी की विदाई गीत से श्रोताओं के नयन छलक उठे।