हर आहट पर दरवाजा देख रही मां... कहीं भेड़िया तो नहीं आ गया, बहराइच में दहशत में जी रहे ग्रामीण
बहराइच के कैसरगंज में भेड़िया के हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं। माताओं के आंसू नहीं थम रहे, क्योंकि उन्होंने अपने बच्चों को खो दिया है। फूस के घरों मे ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बहराइच। कैसरगंज रेंज में जारी भेड़िया के हमले से दहशत की जिंदगी जी रहे ग्रामीणों को आतंक थमने वाली सुबह का इंतजार है। गांवों में दहशत का आलम यह है कि अब दरवाजे पर होने वाली हर आहट पर मां अपने घर का दरवाजा देखेंगी कि कहीं भेड़िया तो नहीं आ गया।
अपने लाडलों को खो चुकी मां की आंखों के आंसू आज भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार हो रहे हमले मां के दर्द को और ताजा कर रहे हैं। सबसे ज्यादा चुनौती उन परिवारों को है, जिनके घर फूस के हैं और दरवाजा नहीं लगा हुआ है।
दो नवंबर को अपनी डेढ़ वर्षीय बेटी शानवी को खो चुकी नेमकुमारी बताती हैं कि आज भी जब सुबह उठती हैं तो ऐसा लगता है कि घर के बाहर भेड़िया खड़ा है और हमला करने की फिराक में है। उस घटना को चाहकर भी नहीं भूल पा रही हूं। कुछ अच्छा नहीं लग रहा है।
20 सितंबर को हुए हमले का जिक्र करते हुए तीन वर्षीय अनिकेत की मां अनीता कहती हैं कि आंगन में खेल रहे बच्चे को हमारे सामने ही भेड़िया उठा ले गया था। आज तक कोई सुराग नहीं लग सका है। अब सारी उम्मीदें टूट चुकी हैं, यदि कुछ है तो दिल और दिमाग में सिर्फ भेड़िया की दहशत। कोई भी आहट होने पर एक डर सा बना हुआ है कि कहीं, फिर से भेड़िया तो नहीं आ गया।
भेड़िया के हमलों में हुई मौतों पर एक नजर
- 09 सितंबर : मंझारा तौकली के परागपुर निवासी चार वर्षीय ज्योति की मौत।
- 11 सितरंबर : भौरी के बहोरवा निवासी चार माह की संध्या की मौत
- 20 सितंबर : मंझारा तौकली के गंदूझाला निवासी तीन वर्षीय अनिकेत को भेड़िया उठा ले गया।
- 24 सितंबर : मंझारा तौकली निवासी दो वर्षीय सोनी की मौत।
- 30 सितंबर : प्यारेपुरवा गांव निवासी 70 वर्षीय खेदन व उनकी पत्नी 65 वर्षीय मनकी की मौत।
- 02 नवंबर : कंदौली गांव निवासी डेढ़ वर्षीय शानवी
- 13 नवंबर : लोधनपुरवा गांव निवासी तीन वर्षीय जानह्वी
- 29 नवंबर : मल्लाहनपुरवा गांन निवासी पांच वर्षीय स्टार
- 07 दिसंबर : मल्लाहनपुरवा गांव निवासी चार माह सुभाष

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