वन्यजीवों की सुरक्षा का तरीका सुझाएंगे वन्यजीव विशेषज्ञ
कैसरगंज के परमहंस पीजी कॉलेज में एनएसएस शिविर सुबह 10 बजे से कैसरगंज ब्लॉक संसाधन केंद्र पर निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम सुबह 10 बजे से जिले में डोर टू डोर पोलियो प्रतिरक्षण अभियान सुबह 10 बजे से शहर के विभिन्न बिजली उपकेंद्रों पर मेगा शिविर सुबह 10 बजे से जिले में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान सुबह 10 बजे से जिले के शैक्षिक संस्थानों में नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती समारोह सुबह 10 बजे से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पयागपुर में शिक्षकों का प्रशिक्षण सुबह 10 बजे से विशेश्वरगंज ब्लॉक संसाधन केंद्र पर शिक्षकों का प्रशिक्षण सुबह 10 बजे से महसी ब्लॉक के खैरीबाजार में क्रिकेट प्रतियोगिता सुबह 10 बजे से ब्लॉक मुख्यालयों पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ गोष्ठी सुबह 11 बजे से शहर के एसडीडी रणजीत सिंह शिक्षण संस्थान में पोस्टर प्रतियोगिता दोपहर 12 बजे से
संसू, बहराइच : वन्यजीवों के संरक्षण व वन्यजीव तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए महा मंथन का आगाज बुधवार को एसएसबी मुख्यालय अगैया में हुआ। तीन दिवसीय वाइल्ड क्राइम प्रिवेंशन ट्रेनिग में विभिन्न प्रांतों के विशेषज्ञ वन्यजीवों की तस्करी को लेकर बदले गए तरीकों, प्रयोग हो रहे हथियार व अंगों के इस्तेमाल से लेकर उनके योजनाबद्ध शिकार की शैली से भी वन, एसएसबी व सुरक्षा एजेंसियों को परिचित कराएंगे।
उत्तराखंड के डिप्टी कमिश्नर चंचल तिवारी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि बदले समय के साथ वन्यजीवों की सुरक्षा व तस्करों से निपटना चुनौती हो गया है। तीन दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञ इन चुनौतियों से निपटने का महत्वपूर्ण तरीका बताएंगे। डब्ल्यूटीआई केरल के जोएस लुइस ने बताया कि ऐसी कार्यशाला पहली बार आयोजित हो रही है। इसमें उन सभी मुद्दों पर जानकारी दी जाएगी, जो वन्यजीवों की सुरक्षा व तस्करी को लेकर प्रयोग की जा रही है। कहा कि भारत-नेपाल सीमा खुली होने से तस्करों की नजर कतर्निया वन्यजीव विहार व बहराइच वन प्रभाग के वन्यजीवों पर रहती है। उन्होंने बताया कि किन-किन वन्यजीवों के अंग, मांस, खाल की तस्करी की जा रही है। इस नेपाल में बैठ कर किसके माध्यम से तस्कर वन्यजीवों का शिकार करने में सफल होते हैं। बीटवार वन्यजीवों की निगरानी के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं, जिससे ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा सकता है। यहां तक कि किस जानवर के शिकार के लिए कौन-कौन से हथियार प्रयोग किए जाते हैं। इसके बारे में भी विशेषज्ञों ने जानकारी दी। डीएफओ बहराइच मनीष कुमार सिंह ने बताया कि एसएसबी, वन विभाग व सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से शिकार व तस्करी रोकने के लिए यह प्रशिक्षण मील का पत्थर साबित होगा। तीन जिलों के अधिकारी हो रहे शामिल भारत-नेपाल सीमा से सटे बहराइच, लखीमपुर व श्रावस्ती जिले के तीनों विभागों के मुख्य अधिकारी भाग ले रहे हैं। पहले दिन वन विभाग के दोनों रेंज के 45 अधिकारी, एसएसबी के 30 समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी प्रतिभाग करेंगे।