चौकी प्रभारी के पास गजटेड अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार नहीं
बहराइच: इसे व्यवस्था कहेंगे या फिर जांच की रस्म अदायगी। जिस अधिकारी को कार्रवाई का अधिका
बहराइच: इसे व्यवस्था कहेंगे या फिर जांच की रस्म अदायगी। जिस अधिकारी को कार्रवाई का अधिकार नहीं है उसे उच्चाधिकारी की जांच का जिम्मा सौपा गया। जी हां। बसंतापुर राजकीय भंडार निगम व भारतीय खाद्य निगम के कार्यालय पर 2 अक्टूबर को गांधी जी के चित्र पर दो फूल चढ़ाना तो दूर तिरंगा झंडा तक नहीं फहराया गया था। अधिकारी कार्यालय में ताला लगाकर घर चले गए थे। मामला खुला तो चौकी प्रभारी को जांच सौपी गई। प्रभारी का कहना है कि गजटेड अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। सिर्फ उनके लिखित बयान को उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है।
सीएम योगी ने दो अक्टूबर को सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में गांधी जयंती को ध्वजारोहण व कार्यक्रम आयोजन का फरमान जारी किया था। बावजूद इसके बसंतापुर में स्थित एसडब्ल्यूसी व भारतीय खाद्य निगम के कार्यालय पर तालाबंदी कर अधिकारी छुट्टी मनाने घर चले गए। इस खबर को दैनिक जागरण ने 3 अक्टूबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो बुद्धिजीवियों ने इस पर कार्रवाई की मांग की। सीएम योगी को ऑनलाइन शिकायत होने पर एसपी सभाराज ने टिकोरा मोड़ चौकी प्रभारी चंद्रपाल यादव को जांच के निर्देश दिए। प्रभारी का कहना है कि प्रबंधक गजटेड अफसर होता है। पीसीएस होने के नाते उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं लिख सकते। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि ध्वजारोहण हुआ या नहीं इस बात की पुष्टि कैसे होगी। जब जांच अधिकारी ही कार्रवाई के अधिकार में बंधा हुआ है।