आमान परिवर्तन के बाद भी नहीं बढ़ी ट्रेनों की संख्या
गोंडा-बहराइच रेल प्रखंड के बड़ी लाइन बनने के बाद यात्रियों में आस जगी कि उन्हें अब आवागमन में दिक्कतें नहीं होंगी लेकिन आमान परिवर्तन के बाद भी यात्रियों को सहूलियतें नहीं मिल सकीं। छात्र-छात्राएं हो या व्यापारी हर किसी को ट्रेनों के बेसमय चलने से सुविधा नहीं मिल पा रही है।
संसू, पयागपुर (बहराइच) : गोंडा-बहराइच रेल प्रखंड के बड़ी लाइन बनने के बाद यात्रियों में आस जगी कि उन्हें अब आवागमन में दिक्कतें नहीं होंगी, लेकिन आमान परिवर्तन के बाद भी यात्रियों को सहूलतें नहीं मिल सकीं। छात्र-छात्राएं हो या व्यापारी, हर किसी को ट्रेनों के बेसमय चलने से सुविधा नहीं मिल पा रही है।
एक जुलाई 2016 को गोंडा-बहराइच रेल प्रखंड पर बड़ी लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ था। निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा न होने के चलते ट्रेनों का संचालन कई माह तक नहीं हो सका। नौ नवंबर 2018 को इस रेल प्रखंड पर डेमो ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया तो जो समय सारिणी निर्धारित की गई वह यात्रियों को नागवार गुजरी। विरोध भी किया गया, पर कोई असर नहीं हुआ। इनसेट तीन ट्रेनों का ही होता है संचालन पयागपुर रेलवे स्टेशन पर बहराइच से गोंडा की ओर जाने के लिए सुबह छह बजे, दोपहर एक बजे व शाम सात बजे ट्रेनें जाती हैं। गोंडा से बहराइच के लिए सुबह आठ बजे, दोपहर 3.30 बजे व रात दो बजे डेमो ट्रेनों का संचालन होता है। ट्रेनों के संचालन का समय न तो छात्र-छात्राओं के लिए हितकर है और न ही व्यापारियों को ही इससे सुविधा मिल पा रही है। नहीं पूरा हुआ सपना पयागपुर के सरदार गुलाब सिंह, विशेश्वरगंज के महेश तिवारी, छात्र पंकज कुमार निषाद, ओमप्रकाश पांडेय, राघवेंद्र प्रताप सिंह, पंकज माहेश्वरी कहते हैं कि आमान परिवर्तन के बाद पयागपुर से दिल्ली, लखनऊ, बनारस, कोलकाता समेत अन्य स्थानों के लिए ट्रेनों के संचालन की आस जगी थी, लेकिन यह सपना नहीं पूरा हो सका। लोग कहते हैं कि ट्रेनों की संख्या बढ़ाने, समयसारिणी बदलवाने समेत अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए रेलवे को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जो समय सारिणी तय की गई है वह किसी भी यात्री के लिए सही नहीं हैं।